आज में आपको Dale Carnegie की बुक Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary In Hindi, How to Stop Worrying and Start Living Book Summary In Hindi, हिन्दी में चिंता छोड़ो सुख से जियो से ऐसे 5 तरीके बताऊंगा जिससे आप अपनी चिंता दूर कर सकते है और चैन से जी सकते है साथ ही कुछ बोनस स्टोरीज भी आपके साथ शेयर करूँगा तो चलिए शुरू करते है।
Dale Carnegie कहते है, ऐसी क्या चीज़ है जो आपको तंग कर रही है? आपके अपनों से दूर कर रही है, आपकी सक्सेस और खुशियाँ आपसे छीन रही है। क्या आप हमेशा पुरानी बातो का पछतावा करते रहते है या फिर हमेशा फ्यूचर की चिंता में डूबे रहते है? क्या आपको लगता है कि आप एक भरपूर ज़िन्दगी जी रहे है? या फिर खुलकर अपनी ज़िन्दगी जीना चाहते है? अगर हाँ तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए। आपके सवालों के जबाब मिल जायेंगे।
Dale Carnegie के 5 तरीके जिसे वो खुद अपनी चिंता को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते थे। आईये एक एक करके इसे विस्तार से समझते है।
विषय सूची
Passion (पैसन)
प्रोफ़ेसर विलियम फेल्प्स को लगता था कि उनकी आँखे अब नहीं रही। पांच मिनट कुछ पढ़ते ही उनकी आँखे दुखने लगती थी। उनसे खिड़की के बाहर भी नहीं देखा जाता था। ऐसा लगता था जैसे कोई उनकी आँखों में सुई चुभो रहा है। प्रो. विलियम को लगता था कि कहीं उन्हें अपनी आँखों की वज़ह से टीचिंग न छोडनी पड़ जाए।
एक दिन उन्हें एक Lecture के लिए बुलाया गया। जब वो लेक्चर देने पहुंचे तो वहाँ लाइट इतनी Bright थी कि प्रोफ़ेसर को बार-बार अपनी नज़रे नीचे की तरफ़ करनी पड़ रही थी। परन्तु जब उन्होंने स्टूडेंट्स को एड्ड्रेस करने के लिए उनकी तरफ़ देखना शुरू किया तो उन्हें आँखों में दर्द महसूस ही नहीं हुआ। वे पूरे 30 मिनट तक इसी तरह लेक्चर देते रहे। प्रोफ़ेसर विलियम को लगा कि अपने टीचिंग के पैसन की वज़ह से उन्होंने अपने दर्द को जीत लिया था।
जब दिमाग़ कोई बेहद ज़रूरी काम में लगा होता है तो हमें अच्छा महसूस होता है। टीचिंग से प्यार ने, प्रो. विलियम को ज़िन्दगी जीना और इसका आनंद लेना सिखा दिया था। वह अपना हर दिन ऐसे जीते थे जैसे कि वह उनका पहला और अंतिम दिन हो। जब वे सुबह उठते थे तो अपने स्टूडेंट्स से मिलने का इंतज़ार करते थे। ये उनक उनका उमंग ही था जो उन्हें सारे दुःख दर्द से निजात दिलाता था और अपने दुःख-दर्द से छुटकारा पाने का ये तरीका था।
Reading Habits
और दूसरा तरीका जो प्रोफ़ेसर विलियम ने अपनाया वह था कि कोई अच्छी-सी किताब पढके टेंशन से दूर रहे। जब आप कोई बुक पढ़ते है तो आपका दिमाग़ उसमे इतना डूब जाता है कि आपको और कुछ याद ही नहीं रहता।
Physical Activity (फिजिकल एक्टिविटी)
तीसरा तरीका है फिजिकल एक्टिविटी। एक बार प्रोफेसर विलियम डिप्रेस्ड हो गए थे उन्होंने क्या किया कि ख़ुद को कई तरह की फिजिकल एक्टिविटी में लगा लिया। वे हर सुबह टेनिस खेलने लगे। फिर नहाने के बाद वे अपना लंच लेते थे दोपहर में वह गोल्फ खेलने चले जाते और कभी-कभी रात में घंटो तक डांस करते रहते। उन्होंने महसूस किया कि जब उनकी बॉडी पसीना बहाती है तो दिमाग़ से ऑटोमेटिकली सारी परेशानिया गायब हो जाती है।
Pressure
चौथा तरीका है ख़ुद को किसी भी तरह के प्रेशर और जल्दबाजी से दूर रखे। प्रोफ़ेसर विलियम को कनेक्टीकट के फोर्मर गवर्नर विल्बुर क्रॉस से एक एडवाइस मिली। मिस्टर क्रॉस ने उन्हें बताया ” कई बार मुझे एक ही साथ में कई सारे काम करने होते है जिससे मैं प्रेशर में आ जाता हूँ तब उस वक़्त में क्या करता हूँ कि रीलेक्स बैठकर बस अपना पाइप पीता रहता हूँ और कुछ नहीं’
Time and Patience (टाइम और पेशेंस)
Tension भगाने का प्रोफ़ेसर विलियम का पांचवा और लास्ट तरीका है ये याद रखना कि टाइम और पेशेंस हर प्रॉब्लम को सोल्व कर देता है। कोई भी मुश्किल आये वे उसे एक अलग सोच के साथ देखते है। प्रोफेसर विलियम ख़ुद से कहते है दो महीने हो जाने दो फिर मैं इसकी परवाह नहीं करूँगा तो अभी क्यों करू?
Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary In Hindi
हर दिन को भरपूर जिए
Dale Carnegie, Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book में बताते है कि एक जवान मेडिकल स्टूडेंट अपने फ्यूचर के बारे में सोच रहा था। क्या वह फाइनल एक्जाम्स पास कर पायेगा? स्कूल ख़त्म होने के बाद उसे कहाँ जाना चाहिए? कैसे वह अपने करियर शुरू करेगा? वह लड़का यही सब सोच रहा था। उसके हाथ में एक किताब थी जिसे वह उस टाइम पढ़ रहा था कि तभी उसे उसमें लिखे ऐसे 21 वर्ड्स मिले जिन्हें पढ़कर वह इंस्पायर हो गया।
आने वाले टाइम में वह मेडिकल स्टूडेंट अपने जेनेरेशन के सबसे सक्सेसफुल डॉक्टर्स में से एक था। उसने फेमस जॉन होपकिंस मेडिकल स्कूल को लीड किया और ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी का एक बहुत ही रिस्पेक्टेड प्रोफेसर बना और वह नौजवान था सर विलियम ओसियर।
जो 21 वर्ड्स सर विलियम ने पढ़े वे थे“दूर जो धुंधला दिखाई दे रहा है, उसे देखना हमारा मेन काम नहीं है बल्कि जो क्लीयरली हमारे हाथ में है उसे देखना है”
इसका मतलब है कि हम उन कामो या टास्क पर ज़्यादा फोकस करे जो हमें अभी करने है बजाये इसके कि हम भविष्य के बारे में चिंता करें। हम अपने भूत और भविष्य के बीच में खड़े रहते है। भूतकाल एक लम्बी इतिहास है और भविष्य बहुत बड़ा है। किसी ने इसे नहीं देखा और हो सकता है कि हम इतनी लंबी ज़िन्दगी ना जी पाए. तो फिर क्या फायदा कि गुज़रे हुए और आने वाले टाइम के बारे में सोच-सोच के परेशान हो। हमें फिर्क करनी चाहिए तो सिर्फ़ आज की।
आईये इसे एकएग्जाम्पल से समझते हैं
मिशिगन की मिसिज ई.के. शील्ड्स अपने पति की मौत के बाद वह ग़रीबी झेल रही थी और काफ़ी डिप्रेस्ड हो गई थी। फिर मिसिज शील्ड्स ने एक आर्टिकल देखा। इसे पढ़कर उन्हें जीने की हिम्मत मिली। उस आर्टिकल में लिखा था“समझदार आदमी के लिए हर एक दिन नया होता है” उसने वह आर्टिकल वहाँ टांग दिया जहाँ रोज़ उस पर नज़र पढ़ सके।
उसने अब अपने पास्ट को भूलकर और आने वाले कल की फ़िक्र छोड़कर जीना सीख लिया था। मिसिज शील्ड्स रोज़ सुबह उठकर ख़ुद को याद दिलाती थी आज एक नयी ज़िन्दगी की शुरुवात है। उसका हर दिन अब बेहतरीन गुजरने लगा क्योंकि वह बस अपने आज को जीने लगी थी। बस एक बात उसने दिमाग़ में रखी समझदार आदमी के लिए हर दिन नयी ज़िन्दगी है
Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary In Hindi
बेफिक्र ज़िन्दगी जिए
महान विलियम वुड पेट के जानलेवा दर्द से परेशान रहते और बहुत बिजी भी रहते थे। एक दिन वे अपनी टेबल साफ़ कर रहे थे जिसमे उन्हें कुछ ऐसे नोट्स और इम्पोर्टेन्ट पेपर मिले जो अब काम के नहीं थे। एक-एक करके विलियम ने वह सारे पेपर डस्टबिन में फेंक दिए। तभी उन्हें एक आईडिया आया कि जैसे वे वेस्ट पेपर डस्टबिन में फेंक रहे है उसी तरह बीते हुए कल की हर प्रॉब्लम को तोड़-मरोड़ कर अपनी ज़िन्दगी से बाहर फेंका जा सकता है।
अपने पास्ट का बोझ लेकर चलने का कोई फायदा नहीं है। अच्छा होगा कि उसे भी किसी रद्दी पेपर की तरह फेंक दिया जाए। एक दुसरे मौके पर विलियम वुड ने देखा कि उनकी पत्नी बर्तन साफ़ करते हुए कुछ गा रही थी। उन्होंने ख़ुद से कहा देख, बिल तुम्हारी बीवी कितनी खुश लग रही है। हमारी शादी को अठारह साल हो गए है और वह इतने सालो से बर्तन धो रही है।
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विलियम ने सोचा अगर उनकी बीवी को पहले ही पता होता कि शादी करने के बाद उसे सालो तक बर्तन धोने पड़ेंगे तो वह शायद कभी उनसे शादी के लिए हाँ नहीं करती। महान विलियम वुड को एहसास हुआ कि उनकी बीवी को ये काम ज़रा भी बुरा नहीं लगता क्योंकि वह हर रोज़ के हिसाब से बर्तन धोती है। उसके कल के गंदे होने वाले बर्तनों की फ़िक्र आज नहीं है और ना ही वह उन बर्तनों के बारे में सोचती है जो उसने कल साफ़ किये थे।
उन्हें समझ आ गया कि उनकी बिमारी की वज़ह यही है कि वे हर काम तुरंत पूरा करने की कोशिश में लगे रहते है। वह दरअसल कोशिश कर रहे थे कि आज के बर्तन, पीछले दिन के बर्तन और आने वाले कल के बर्तन जो अभी गंदे भी नहीं हुए, उन सबको वे आज ही साफ़ कर ले, किसी भी सूरत में और यही विलियम वुड की सबसे बड़ी गलती थी जो उन्हें अब एहसास हुई।
वे दुसरो को हमेशा सही ढंग से जीने की नसीहत देते थे मगर ख़ुद अमल करना भूल गए थे। महान विलियम वुड ने जब अपना रूटीन चेंज किया तो उन्हें नींद भी बढ़िया आने लगी और उनका पेट दर्द भी गायब हो गया था।
ये याद रखे कि हर दिन को उस दिन के हिसाब से जीये। क्योंकि जब आप बीते हुए और आने वाले टाइम का बर्डन लेकर चलेंगे तो होगा कुछ नहीं बस आपकी शरीर को कष्ट होगा और अंत में आपके हाथ कुछ नहीं लगने वाला।
एक बार में एक काम
आप पर चाहे जितनी भी रिसपोंसेबिलिटी हो फिर भी काल्म और कम्पोजड रहने की कोशिश करे। एक-एक करके ही अपनी हर रीस्पोंसेबिलिटी पूरी करे। 33 की उम्र में जॉन डी. रॉकफेलर मिलेनियर बन गए। मगर 53 साल के होते-होते उनकी बिजनेस धीमा पड़ने लगा था। जॉन डी. अपने जीवन की उंचाईयों को छू लेते मगर उनकी हेल्थ गिरने लगी थी।
डॉक्टर के हिसाब से ऐसा उनकी लाइफस्टाइल की वज़ह से हुआ था। जॉन डी. के पास ज़रा भी फुर्सत नहीं होती थी। किसी भी शौक या आराम के लिए उनके पास वक़्त ही नहीं था। बस पैसा कमाना ही उनका मकसद बन गया था। जिसकी वज़ह से हर टाइम प्रेशर और टेंशन में रहते थे। जॉन डी की हेल्थ गिरती चली गयी। उनकी रातो की नींद उड़ गयी थी वे ढंग से खा नहीं पाते थे। उनके डॉक्टर्स ने उन्हें उनकी सही हालत से वाकिफ करा दिया था। या तो वे कंपनी चुने या फिर अपनी हेल्थ।
अगर वे रिटायर नहीं हुए तो 53 की उम्र में मर सकते थे और उनकी मौत का कारण होगा उनका डर, लालच और टेंशन। तो आख़िर जॉन डी. को अपनी कंपनी छोडनी ही पड़ी। उनके डॉक्टर्स ने उन्हें फॉलो करने के लिए 3 हेल्थ रूल्स बताये। पहला तो ये कि कभी टेंशन ना ले। दूसरा कि उन्हें पूरा रेस्ट करना है। रेस्ट के साथ-साथ किसी एक्सरसाइज़ करना ज़रूरी है और तीसरी ख़ास बात कि अपने डाईट को हमेशा मोनिटर करना है। जो भी खाना है सही अमाउंट में खाना है।
जब जॉन डी. ने ये सारे रूल्स फोलो करने शुरू दिए तब जाकर उनकी जान बच पायी। वह 53 की उम्र में मरने वाले थे मगर वे अगले 45 सालो तक जिए।
Closing Remarks:
तो दोस्तों इस आर्टिकल (Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary In Hindi) में बस इतना ही आपको ये आर्टिकल (Chinta Chhodo Sukh Se Jiyo Book Summary In Hindi) कैसी लगी हमें कमेन्ट कर के जरूर बताये। अगर आप इस बुक का कम्पलीट वीडियो समरी देखना चाहते है तो ऊपर दिए लिंक से देख सकते है। लेटेस्ट वीडियो को देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूले।
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अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया
Wish You All The Best
आपने इस आर्टिकल के माध्यम से बहुत ही अच्छी इंफॉर्मेशन शेयर की है। मुझे लगता है यह आर्टिकल हर इंसान को पढ़ना चाहिए क्योंकि ज्यादातर इंसान आज की डेट में किसी ना किसी परेशानी से जूझ रहा है।
Thank You ji