15 Lessons from Bhagwat Geeta – भगवद गीता से जीवन के 15 सबक

Bhagwat Geeta, Shrimad Bhagwat Geeta, Bhagwat Geeta In Hindi, Bhagavad Gita In Hindi, भगवत गीता, श्रीमद् भगवद् गीता, भगवद गीता या भगवद् गीता, चाहे आप उसे किसी भी नाम से जानते हों, यह एक अमूल्य ज्ञान का संग्रह है जो हमें जीवन के अनमोल सबक सिखाता है। यह प्राचीन ग्रंथ हमें सत्य, धर्म, कर्म, ज्ञान और भक्ति के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का अद्वितीय ज्ञान देता है।

15 Lessons from Bhagwat Geeta

15 Lessons from Bhagwat Geeta – भगवद गीता से जीवन के 15 सबक

Bhagwat Geeta में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को अपने कर्तव्य का राजनीतिक, नैतिक और आध्यात्मिक आधार प्रदान किया था। 15 Lessons from Bhagwat Geeta – भगवद गीता से जीवन के 15 सबक, इस लेख में, हम आपको भगवत गीता से प्राप्त होने वाले 15 महत्वपूर्ण सबकों के बारे में बताएँगे जो आपके जीवन में सफलता, समृद्धि और आंतरिक शांति का स्रोत साबित हो सकते हैं।

यदि आप अपने जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना चाहते हैं या सफलता की ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं, तो इस ब्लॉग का आनंद लें और यहां दिए गए ज्ञान से अपने मन, शरीर और आत्मा को परिपूर्ण बनाएं।

Bhagwat Geeta Lesson 1: अपनी मेहनत पर भरोसा रखो

भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को अपनी मेहनत पर भरोसा रखना चाहिए। क्योंकि जो मनुष्य अपनी मेहनत पर भरोसा रखता है, और निरंतर परिश्रम करते हैं, तों उसे मनचाहे परिणाम मिलते हैं। दोस्तों परिश्रम सफलता की वों कुंजी है, जो एक रंक को भी राजा बना देती है। अगर आप विश्वास के साथ सही दिशा में निरंतर मेहनत करते हैं, तो आपको अपने जीवन में सफल होने से दुनिया की कोई भी शक्ति नहीं रोक सकती।

हो सकता है आपके जीवन में कई ऐसे पड़ाव आये जब आपकों निराश होना पड़े। ऐसे वक्त में खुद की मेहनत पर भरोसा रखकर परिस्थितियों को बदलने की कोशिश करें। क्योंकि भगवान श्री कृष्ण, भगवत गीता में कहते हैं, कि मनुष्य खुद पर भरोसा रखकर किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है।

Bhagwat Geeta Lesson 2: आप अपने जीवन के निर्माता खुद हैं

भगवत गीता की यें सीख आपको हमेशा याद रखनी चाहिए। क्योंकि यें लेसन उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। जो हमेशा नकारात्मक भावनाओं से भरे रहते हैं। सारी दुनिया को अपने खिलाफ समझते हैं। ऐसे लोगों के लिए भगवान श्री कृष्ण कहतें है कि जो मनुष्य जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है।

आप जैसा बीज बोओगे, वैसा ही फसल काटोगे। अगर आप सोचते है की आप एक हंसमुख इंसान है तो आप हंसमुख इंसान बन जायेंगे। आप चाहें तो अपने जीवन को बना भी सकते हो बिगाड़ भी सकते हैं। आप अपने भाग्य के रचयिता खुद हैं। कठिन परिश्रम करके अपने जीवन के हर लक्ष्य को आप प्राप्त कर सकते हैं।

Bhagwat Geeta Lesson 3: जैसा कर्म करेगे वैसा पाएगे

मनुष्य के द्वारा किए गए कर्म ही उसके पाप और पुण्य को तय करता है। ऐसे में यदि आप अच्छा कर्म करेंगे, तो आपको अच्छे फल प्राप्त होंगे। और यदि आप बुरा कर्म करोगे तों इसके परिणाम भी बुरे होंगे। आपके जीवन में जो भी कठिनाई और परेशानी आती है, उसका संबंध कहीं ना कहीं आपके कर्मों से होता है। इसलिए आपको निरंतर अच्छे कर्म करते रहना चाहिए। इससे आने वाले दिनों में आपको अच्छे परिणाम जरूर हासिल होंगे।

Bhagwat Geeta Lesson 4: कर्म करो फल की चिंता मत करो

भगवान श्री कृष्ण कहते हैं, मनुष्य को अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए और फल के बारे में चिंता नहीं करना चाहिए। आपको हमेशा ये याद रखना है, अगर आप निरंतर अच्छा कर्म करोगे, तो आपको फल भी अच्छा ही मिलेगा। इसलिए मनुष्य को हमेशा अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए ना कि फलों के बारे में सोचकर चिंतित होना चाहिए।

Bhagwat Geeta Lesson 5: अपने क्रोध पर काबू रखो

क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। एक क्षण का क्रोध व्यक्ति के जीवन को नष्ट कर देता है। क्रोध से सिर्फ आपका ही नुकसान होगा इसलिए कभी भी, किसी बात पर अगर आपको क्रोध आए, तो उस बात को शांतिपूर्वक समझना चाहिए और उस परिस्थिति से निपटने के लिए अगर सुधार की आवश्यकता है तो उस पर अमल करें ना कि क्रोध। दोस्तों क्रोध आपके सोचने की शक्ति और बुद्धि को नष्ट कर देता है, क्रोध उस तूफान की लहरों की तरह है, जिसे शांत होने के बाद चारों तरफ बर्बादी ही बर्बादी दिखाई देता है। इसलिए जब भी आपको क्रोध आये  तो उसे पी जाना ही आपके लिए बेहतर रहता है।

Bhagwat Geeta Lesson 6: जो भी होता है, अच्छे के लिए होता है

जब किसी के साथ कुछ बुरा होता है, तो उसका दोष भगवान को देता है और कहता है कि भगवान को ऐसा, मेरे साथ ही करना था। लेकिन भगवान श्री कृष्ण कहते हैं, आपके जीवन में जो भी हो रहा है, अच्छा हो रहा है। और आपके जीवन में जो कुछ भी होगा, अच्छा ही होगा। अगर आपके साथ कुछ बुरा होता है, तो उसके पीछे जरूर कोई ना कोई कारण छुपा होता है।

दोस्तो एक बार की बात है, किसी दुर्घटना में एक लड़कें की दोनों अंगुली कट जाती है। जिसके बाद उस बच्चे की मां कहती है, हे प्रभु आपको ये सब मेरे बच्चे के साथ ही करना था। मेरे बच्चे की तो अब जिंदगी ही बर्बाद हो गई। लेकिन अचानक एक दिन उस गांव में कुछ डाकू आते हैं। और उस गांव के सभी बच्चों को बलि चढ़ाने के लिए लेकर चले जाते हैं।

लेकिन जैसे ही उस बच्चे की बलि चढ़ाने की बारी आती है, तो उसकी कटी हुई उंगली को देखकर डाकू उसकी बलि नहीं चढ़ातें हैं। उसे घर जाने के लिए छोड़ देते हैं, जब बच्चा घर पहुंचता है सारी कहानी सुनाता है, तो उसकी मां ये कहकर भगवान का धन्यवाद करती हैं। हे प्रभु आप जो भी करते हो अच्छे के लिए करते हो।

Shrimad Bhagwat Geeta Lesson 7: अपने अंदर प्रेम और सदाचार की भावना रखो

अगर आप अपने अंदर प्रेम और सदाचार की भावना रखते हैं, तो सामने वाला व्यक्ति भी आपके साथ वैसा ही व्यवहार करता है। अगर आप  दूसरे के प्रति ईर्ष्या रखते हैं, तो इससे आपका ही नुकसान होता है, क्योंकि ईर्ष्या की भावना रखने वाला व्यक्ति कभी खुश नहीं रह सकता और ना उन्नति की राह पर चल सकता है।

इसलिए प्रभु श्री कृष्ण भगवत गीता के माध्यम से संसार के सभी मनुष्यों को ये सीख देते हैं कि मनुष्य को अपने अंदर प्रेम, सदाचार और दूसरे के प्रति दया की भावना रखनी चाहिए।

Shrimad Bhagwat Geeta Lesson 8: बुरे हालात कुछ ना करने से ही आते हैं

अगर आप अच्छे हालात पैदा करना चाहते हो, या अपने जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हो। तो अपने बुरे हालातों का दोष भगवान के ऊपर मत डालो। बल्कि अपने हालात और किस्मत को बेहतर बनाने के लिए आप उस काम को करो जिससे आपका लाइफ बेहतर हो।

अपनी किस्मत का रोना रोने वाले, बुरे हालात में चुपचाप बैठकर तमाशा देखने वाले का जीवन, कभी अच्छा नहीं हो सकता और ना ही उसके जीवन में बदलाव आ सकता हैं। इसलिए अगर आप चाहते हो कि आपका जीवन बेहतर हो, तो इसे ठीक करने के लिए कड़ी मेहनत करो।

Shrimad Bhagwat Geeta Lesson 9: मुसीबतों में धैर्यवान बनो…

बुरे वक्त को बदलने के लिए कठिन परिश्रम तो करना ही पड़ता है, साथ ही आपको बुरे वक्त में मुसीबत के समय धैर्यवान भी बनना पड़ेगा। क्योंकि आपके जीवन में जो कुछ भी होगा वों अच्छा हो या बुरा उस पर आपका कोई भी कंट्रोल नहीं है। और ना ही आप इसे रोक सकते हैं।

इसलिए मनुष्य को कठिन परिस्थितियों में चिंता का त्याग करके अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि जब आप कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य के साथ कर्म करोगे तो सब कुछ अच्छा होगा। इसलिए हमेशा मनुष्य को कर्म करते रहना चाहिए क्योंकि मनुष्य के जीवन का निर्माण कर्म से ही होता है।

Shrimad Bhagwat Geeta Lesson 10:  लोगों को प्यार से जीतो

दोस्तों अगर आप चाहते हो कि लोग आपको सम्मान की नजरों से देखें, या आप से प्यार करें। तो लोगों के दिलों को जीतने एवं लोगों से सम्मान पाने के लिए आपको उनके साथ प्रेम भाव के साथ रहना होगा। हमेशा उनका आदर और सम्मान करना होगा। तभी आप लोगों के दिलों को जीत पाएंगे और वों भी आप का सम्मान करेंगे।

अगर आप लोगों का साथ गलत व्यवहार करोगे, उनसे अच्छी तरह से बात नहीं करोगे। तों लोग भी आपकों पसंद नहीं करेंगे और ना ही आपसे बात करना चाहेंगे। ऐसे में अगर आपको लोगों का दिल जीतना है  तो उनके दिलों में जगह बनाना होगा। उनका सम्मान करना होगा। तभी आप लोगों के दिलों को जीत पाओगे।

Bhagavad Gita Lesson 11: जीवन में त्याग करना सीखो

जो मनुष्य त्याग करना जानता है। वही व्यक्ति अपने जीवन में आगे बढ़ता है और अपने लक्ष्यों को हासिल करता है। यदि ऐसे में आप भी अपनें जीवन को बेहतर बनाना चाहते हो, लक्ष्य को हासिल करना चाहते हो। तो आने वाली जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए वर्तमान में कठिन परिश्रम करना होगा। अगर आप त्याग नहीं करोगे तो अपने जीवन का कोई भी उद्देश्य पूरा नहीं कर पाओगे। इसलिए जीवन को बेहतर बनाने, एवं उच्च लक्ष्य को हासिल करने के लिए जीवन में त्याग करना बहुत जरूरी है।

Bhagavad Gita 12: यहां से कुछ भी लेकर नहीं जाना है

दोस्तों आपके जीवन के यें सबसे बड़ी सीख हो सकती है इसलिए इसे ध्यान से जरूर सुने। भगवत गीता में प्रभु श्री कृष्ण कहते हैं, मनुष्य अकेला ही खाली हाथ इस पृथ्वी पर जन्म लेता है, यहां तक कि उसके शरीर पर वस्त्र भी नहीं होता है। और मरने के बाद भी खाली हाथ अकेला ही जाता है।

लेकिन वह जब तक इस पृथ्वी पर जीता है, केवल पैसो के पीछे भागता है, पैसों के लिए लोगों से बेईमानी भी करता है, यहां तक कि लोगों को नुकसान भी पहुंचाता है। दिन रात मेहनत करके एक-एक रुपयें जुटाता है। फिर भी मरते समय कुछ भी अपने साथ लेकर नहीं जाता तो फिर लोभ और लालच किस बात का।

Bhagavad Gita 13 धर्म की राह पर चलो

मनुष्य का अस्तित्व उसके धर्म से ही होता है और धर्म ही उसकी पहचान होती है। लेकिन आज के समय में मनुष्य अपने धर्म को मानता तो है, लेकिन धर्म में बताये गये राहों पर नहीं चलता। ऐसे में मनुष्य जब तक धर्म की राह पर नहीं चलेगा। तब तक उसके जीवन में बदलाव नहीं आएगा।

15 Lessons from Bhagwat Geeta – भगवद गीता से जीवन के 15 सबक

15 Lessons from Bhagwat Geeta – भगवद गीता से जीवन के 15 सबक

ऐसे में प्रभु श्री कृष्ण कहते हैं कि अगर आप सफलता की राह पर चलना चाहते हैं, तो आप अपनी धर्म की किताबों को पढ़ें। और उसमें क्या लिखा है उसें अमल में लाएं।

Bhagavad Gita 14: हमारा डर ही हमारी सफलता का दुश्मन है

वह डर ही है जो आपको लक्ष्य से भटका देता है। अक्सर लोग फेलियर के डर से रिक्स लेना नहीं चाहते। क्योंकि उन्हें डर लगता है, कहीं वो अपने काम में फेल ना हो जाए। 

इसी डर के कारण लोग अपने लक्ष्य को हासिल करने से चूक जाते हैं। अगर आप सफलता पाना चाहते हो, तो जीवन में रिक्शा लेने से डरो मत और ना ही चुनौतियों से डरकर पीछे हटो। बल्कि इन चुनौतियों का बिना डरे डटकर सामना करो।

Bhagavad Gita 15:  सकारात्मक सोच रखें

आज आप जो भी हो अपनी सोच की वजह से हो। ऐसे में यदि आप किसी भी कार्य में सफल होना चाहते हो, तो उसके प्रति सकारात्मक सोच रखना बहुत जरूरी है।

क्योंकि अगर आप सकारात्मक सोच के साथ काम करोगे, तो सफल होने की संभावना अधिक रहेगी। आपको हमेशा यें याद रखना है कि नकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति है, जीवन में कभी भी अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकता। अगर आप कामयाब इंसान बनना चाहते हो तो अपनी सोच को हमेशा सकारात्मक रखो।

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Closing Remarks

भगवत गीता के इन 15 सबकों के माध्यम से हमने जीवन के महत्वपूर्ण तत्वों का परिचय प्राप्त किया है। यह ग्रंथ हमें सिखाता है कि हमें अपनी मेहनत पर भरोसा रखना चाहिए और खुद को अपने जीवन के निर्माता के रूप में स्वीकार करना चाहिए।

हमें यह भी याद दिलाता है कि जैसा कर्म करेंगे, वैसा ही पाएँगे और कर्म करते समय फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। हमें अपने क्रोध पर काबू रखना चाहिए और हर हालात में अच्छे की तलाश करनी चाहिए। हमें अपने अंदर प्रेम और सदाचार की भावना रखनी चाहिए और बुरे हालातों के मुकाबले धैर्यवान बनना चाहिए।

हमें लोगों को प्यार से जीतना चाहिए और त्याग करने का योग्यता सीखना चाहिए। हमें डर से नहीं, बल्कि सकारात्मक सोच से जीना चाहिए। इन सबकों को अपनाकर हम अपने जीवन को सफलता और सुख की ओर अग्रसर बना सकते हैं। इसलिए, आप सभी से अनुरोध है कि भगवत गीता के इन मूल्यवान सबकों का अवलोकन करें और उन्हें अपने जीवन में अमल में लाएं।

तो दोस्तों इस आर्टिकल (15 Lessons from Bhagwat Geeta – भगवद गीता से जीवन के 15 सबक) में बस इतना ही आपको ये आर्टिकल (15 Lessons from Bhagwat Geeta – भगवद गीता से जीवन के 15 सबक) कैसी लगी हमें कमेन्ट कर के जरूर बताये। अगर आप इस आर्टिकल का वीडियो देखना चाहते है तो ऊपर दिए लिंक से देख सकते है। लेटेस्ट वीडियो को देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूले।

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