Top 10 Chanakya Niti in Hindi ~ आचार्य चाणक्य के १० अनमोल वचन

Top 10 Chanakya Niti in Hindi: दोस्तों आज में आपसे (Top 10 Chanakya Niti in Hindi) आचार्य चाणक्य के चाणक्य नीति में बताई गई उन महत्त्वपूर्ण 10 बातो को बताऊंगा जिसका हम और आप सभी लोग अपने जीवन में सामना करते है और जो जीवन की सच्चाई है। इस आर्टिकल से आप बहुत कुछ सीख सकते है, लेकिन सिर्फ़ सीखने से सब कुछ ठीक नहीं हो जाता। ठीक तभी होता है जब आप इन सीखी हुई बातो को अपने जीवन में भी उतारते है।

तो चलिए शुरू करते है Top 10 Chanakya Niti in Hindi

Top 10 Chanakya Niti in Hindi
Top 10 Chanakya Niti in Hindi

मुर्ख लोगों से कभी विवाद न करे:

चाणक्य कहते है कि हमें कभी भी मुर्ख लोगों के साथ विवाद नहीं करना चाहिए। मुर्ख लोगों के पास बिलकुल भी समझदारी नहीं होती अगर आप उनसे विवाद करेंगे तो नुक़सान आपका ही होगा। मुर्ख लोगों से विवाद से बचना हो तो चुप रहे और अपने विवेक से काम ले।

अपनी कमजोरी किसी को न बताये

समय के साथ आप कई गहरे रिश्ते में बध जाते हो। ऐसे में हम अपनी कमजोरी अपने इन रिश्तो में बता देते है। जो बाद में अन्य लोगों को भी पता चल जाती है। जो हमारे निजी जीवन के लिए ठीक नहीं होता। हर व्यक्ति की कोई न कोई कमजोरी ज़रूर होती है। ऐसे में कभी भी अपनी कमजोरी किसी को भी न बताये। चाहे वह आपका दोस्त या आपकी पत्नी ही क्यों न हो।

आपका एक दोष आपके सभी गुणों को नष्ट कर सकता है

भले ही आपमें बहुत से गुण हो, आपकी समाज में बड़ी इज़्ज़त हो। लेकिन अगर आपके अंदर एक छोटा-सा भी दोष होगा तो वह आपका जीवन बर्बाद कर देगा। इसलिए ख़ुद में झाँक कर देखे की आपके अंदर कोई दोष तो नहीं है। अगर है तो उसे त्याग दे। वरना आपकी मेहनत से बनायीं गई सारी इज़्ज़त एक पल में ही मिटटी में मिल जाएगी।

धन को सोच–समझ कर ख़र्च करे

यह वाक्य आपने ज़रूर सुना होगा कि धन है तो जीवन है। मैंने बहुत से ऐसे लोगो को देखा है जो दिनभर मजदूरी करते है और शाम होते ही शराब पीकर उस कमाई को बर्बाद कर देते है। बर्बाद ही करना है तो फिर मेहनत करने का फायदा क्या?। अगर आपके पास अधिक पैसा भी हो तो उसे भी लिमिट के साथ ख़र्च करे। समय का कुछ पता नहीं कि कब पलट जाए। आचार्य चाणक्य की यह लाइन याद रखे कुबेर भी अपने आय से ज़्यादा ख़र्च करेगा तो कंगाल हो जायेगा। इसलिए धन कमाए उसकी बचत करे और जब ज़रूरत हो तभी ख़र्च करे।

बदनामी से डरे

आचार्य चाणक्य कहते है कि अपमानित हो के जीने से मरना अच्छा है। मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है। हम सभी के अंदर बदनामी का डर होना चाहिए। अगर यह डर ख़त्म हो गया तो दुनिया बदहाल हो जाएगी। ज़िन्दगी में कोई ऐसा काम न करे जिससे आपको पूरी ज़िन्दगी बदनामी से जीनी पड़े। एक बार अगर आप बदनाम हो गये तो फिर वापस आप लोगों की नजरो में पहले जैसे नहीं रहोगे।

आलस्य को त्याग दे

इस दुनिया में बस 20% लोग ही ऐसे होते है जो सफलता की केटेगरी में आते है। तो 80% लोग सफल क्यों नहीं होते ऐसे लोग जो गरीब जीवन जीते हुए बहुत अमीर बन गये। इन सब में एक बड़ा diffrence है आलस्य का। 80% लोग किसी भी काम को करने में आलस्य करते है वही 20% लोग उसी काम को बड़ा मन लगाकर करते है। इसलिए जीवन बेहतर और खुशहाल बनाना है तो आलस्य त्यागो और परिश्रम करना सीखो। याद रखो आलसी मनुष्य का कोई भी वर्तमान और भविष्य नहीं होता।

जो बात न सुने उस पर विश्वास न करे

आपने कई लोगों को देखा होगा जो आपके साथ बैठे रहते है। आपसे बाते करते है। आपने अपनी कोई महत्त्वपूर्ण बार रखी और वह उसे ग़ौर से सुनने के बजाय अनदेखा करे तो समझ ले की यह इन्सान आपको धोखा ज़रूर देगा। ऐसे लोगों पर विश्वास करने से बचे। इन लोगों को सिर्फ़ वही बात बताये जिन्हें आप हर किसी के साथ शेयर कर सकते हो।

अपने से कम या ज़्यादा प्रतिष्ठा के लोगों से दोस्ती न करे

आचार्य चाणक्य कहते है कि कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज़्यादा प्रतिष्ठा के हों। ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी। जो लोग आपसे कम प्रतिष्ठा रखते है उनसे अगर आप दोस्ती करोगे तो आप हमेशा परेशानी में ही रहेंगे। ऐसे मित्र आपसे हमेशा मदद की उम्मीद रखेंगे और आपका फायदा लेने की सोचेंगे।

वही आपसे अधिक प्रतिष्ठा के लोगों से दोस्ती करने पर आप हमेशा अपने मित्र के साथ अपनी तुलना में लगे रहेंगे और आपके अंदर ईर्ष्या का भाव रहेगा। आप उसके सामने ख़ुद को हमेशा छोटा समझोगे जो आपके आत्मसम्मान के लिए ठीक नहीं है। इसलिए इस बात का ध्यान रखे की आपका मित्र आपके लेवल का ही हो।

वर्तमान में जीवन बिताओ

आचार्य चाणक्य कहते है हमें भूत के बारे में कभी भी पछतावा नहीं करना चाहिए, न ही भविष्य की चिंता होनी चाहिए। विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं। अगर आपको अपना जीवन सुखी जीना है तो हमेशा आज में जियें। आपके पास न तो आने वाला कल है और न हीं बिता हुआ कल। आपके पास बस एक ही चीज है वह है–आज।

खुश रहना है तो लगाव से दूर रहे

आचार्य चाणक्य कहते है जो अपने रिश्तो के साथ अत्यधिक जुड़ा हुआ होता है, उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है। सभी दुखों कि जड़ लगाव है जब आप किसी के साथ लगाव रखते हो तो आप माया–मोह के चक्र में फंस जाते हो और यही आपके दुखो का कारण होता है। अगर यह लगाव नहीं होगा तो आप अपने लिए वक़्त निकालेंगे। ख़ुद को इम्प्रूव करेंगे और अपने करियर में सफल हो जायेंगे। इसलिए आपको अगर-अगर खुश रहना है तो उस रिश्ते से बाहर निकलने की सोचे जिससे आपको बहुत ज़्यादा लगाव है।

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Top 10 Chanakya Niti in Hindi

दोस्तों ये थी Top 10 Chanakya Niti in Hindi (बेस्ट टॉप टेन चाणक्य नीति), अब में आपको कुछ और चाणक्य नीति बता रहा हूँ जो की आपके लिए बोनस है और ज़रूरी भी।

“जिस व्यक्ति के पास दया और धर्म नहीं है उससे दूर रहो।”

“जब तक शरीर स्वस्थ और आपके नियंत्रण में है। उस समय आत्म साक्षात्कार के लिए उपाय अवश्य ही कर लेना चाहिए, क्योंकि मृत्यु के पश्चात कोई कुछ भी नहीं कर सकता।”

“विद्यार्जन करना एक कामधेनु के समान है, जो मनुष्य को हर मौसम में अमृत प्रदान करती है।”

“वही पत्नी अच्छी है जो पति को प्रसन्न करने वाली, शुचिपूर्ण, शुद्ध और सत्यवादी है।”

“जिस व्यक्ति के घर पुत्र नहीं है उसका घर उजाड़ है। जिसका कोई सम्बंधी नहीं, उसकी सभी दिशाएँ उजाड़ है। मूर्ख व्यक्ति का ह्रदय उजाड़ है। निर्धन व्यक्ति का तो सब कुछ उजाड़ है।”

“जिसका पेट खराब है उसके लिए भोजन ज़हर है।”

आचार्य चाणक्य

Closing Remarks:

तो दोस्तों इस आर्टिकल (Top 10 Chanakya Niti in Hindi) में बस इतना ही आपको ये आर्टिकल (Top 10 Chanakya Niti in Hindi) कैसी लगी हमें कमेन्ट कर के जरूर बताये। अगर आप इस बुक का कम्पलीट वीडियो समरी देखना चाहते है तो ऊपर दिए लिंक से देख सकते है। लेटेस्ट वीडियो को देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूले।

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