Top 30 Chanakya Niti in Hindi – आचार्य चाणक्य के ३० अनमोल वचन
Top 30 Chanakya Niti in Hindi: दोस्तों आज में आपसे (Top 30 Chanakya Niti in Hindi) चाणक्य निति के टॉप 30 निति आपसे शेयर करने जा रहा हूँ जैसा की आप सभी जानते हैं कि चाणक्य निति आजके ज़माने में भी उतना ही कारगर है जितना की सदियों पहले था। तो बिना किसी देरी की करते हैं काम की बात।
Top 30 Chanakya Niti in Hindi
“यदि हम किसी से कुछ पाना चाहते है तो उससे ऐसे शब्द बोले जिससे वह प्रसन्न हो जाए, उसी प्रकार जैसे एक शिकारी मधुर गीत गाता है जब वह हिरन पर बाण चलाना चाहता है।”
“पानी पर तेल, एक कमीने आदमी को बताया हुआ राज, एक लायक व्यक्ति को दिया हुआ दान और एक बुद्धिमान व्यक्ति को पढाया हुआ शास्त्रों का ज्ञान अपने स्वभाव के कारण तेजी से फैलते है”
“हाथी का शरीर कितना विशाल है लेकिन एक छोटे से अंकुश से नियंत्रित हो जाता है। एक दिया घने अन्धकार का नाश करता है, क्या अँधेरे से दिया बड़ा है। एक कड़कती हुई बिजली एक पहाड़ को तोड़ देती है, क्या बिजली पहाड़ जितनी विशाल है। जी नहीं वही बड़ा है जिसकी शक्ति छा जाती है। इससे कोई फरक नहीं पड़ता की आकार कितना है।”
“जो व्यक्ति राजा से, अग्नि से, धर्म गुरु से और स्त्री से बहुत परिचय बढ़ाता है वह विनाश को प्राप्त होता है। जो व्यक्ति इनसे पूर्ण रूप से अलिप्त रहता है, उसे अपना भला करने का कोई अवसर नहीं मिलता। इसलिए इनसे सुरक्षित अंतर रखकर सम्बन्ध रखना चाहिए”
Top 30 Chanakya Niti in Hindi
“जिसका ज्ञान किताबो में सिमट गया है और जिसने अपनी दौलत दुसरो के सुपुर्द कर दी है वह ज़रूरत आने पर ज्ञान या दौलत कुछ भी इस्तमाल नहीं कर सकता।”
“चन्दन कट जाने पर भी अपनी महक नहीं छोड़ते। गन्ना निचोड़े जाने पर भी अपनी मिठास नहीं छोड़ता। उसी प्रकार ऊँचे कुल में पैदा हुआ व्यक्ति अपने उन्नत गुणों को नहीं छोड़ता भले ही उसे कितनी भी ग़रीबी में क्यों ना बसर करना पड़े।”
“जो व्यक्ति गुणों से रहित है लेकिन जिसकी लोग सराहना करते है वह दुनिया में काबिल माना जा सकता है। लेकिन जो आदमी ख़ुद की ही डींगे हाकता है वह अपने आप को दुसरे की नजरो में गिराता है भले ही वह स्वर्ग का राजा इंद्र हो”
“जो दुसरे के पत्नी को अपनी माता मानता है, दुसरे को धन को मिटटी का ढेला, दुसरे के सुख दुःख को अपने सुख दुःख। उसी को सही दृष्टी प्राप्त है और वही विद्वान है।”
“वह चीज जो दूर दिखाई देती है, जो असंभव दिखाई देती है, जो हमारी पहुच से बहार दिखाई देती है, वह भी आसानी से हासिल हो सकती है यदि हम तप करते है। क्यों की तप से ऊपर कुछ नहीं।”
“यदि आप शेर की गुफा में जाते हो तो आप को हाथी के माथे का मणि मिल सकता है। लेकिन यदि आप लोमड़ी जहा रहती है वहा जाते हो तो बछड़े की पूछ या गधे की हड्डी के अलावा कुछ नहीं मिलेगा”
Top 30 Chanakya Niti in Hindi
“एक शक्तिशाली आदमी से उसकी बात मानकर समझौता करे, एक दुष्ट का प्रतिकार करे और जिनकी शक्ति आपकी शक्ति के बराबर है उनसे समझौता विनम्रता से या कठोरता से करे।”
“वे लोग जो इस दुनिया में सुखी है। जो अपने सम्बंधियों के प्रति उदार है। अनजाने लोगों के प्रति सह्रदय है। अच्छे लोगों के प्रति प्रेम भाव रखते है। नीच लोगों से धूर्तता पूर्ण व्यवहार करते है। विद्वानों से कुछ नहीं छुपाते। दुश्मनों के सामने साहस दिखाते है। बड़ो के प्रति विनम्र और पत्नी के प्रति सख्त है।”
“हाथी से हज़ार गज की दुरी रखे। घोड़े से सौ गज की। सिंग वाले जानवर से दस गज की लेकिन दुष्ट जहा हो उस जगह से ही निकल जाए”
“वह कमीने लोग जो दूसरो की गुप्त खामियों को उजागर करते हुए फिरते है, उसी तरह नष्ट हो जाते है जिस तरह कोई साप चीटियों के टीलों में जा कर मर जाता है।”
“उस देश में निवास न करें जहाँ आपकी कोई ईज्जत नहीं हो, जहा आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहा आपका कोई मित्र नहीं और जहा आप कोई ज्ञान आर्जित नहीं कर सकते।”
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“उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया, जिसका पुत्र आज्ञांकारी है, जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यव्हार करती है, जिसे अपने धन पर संतोष है।”
“ऐसे लोगों से बचे जो आपके मुह पर तो मीठी बातें करते हैं, लेकिन आपके पीठ पीछे आपको बर्बाद करने की योजना बनाते है, ऐसा करने वाले तो उस विष के घड़े के समान है जिसकी उपरी सतह दूध से भरी है।”
“एक बुरे मित्र पर तो कभी विश्वास ना करे। एक अच्छे मित्र पर भी विश्वास ना करें। क्योंकि यदि ऐसे लोग आपसे रुष्ट होते है तो आप के सभी राज से पर्दा खोल देंगे।”
“अपने निकट सम्बंधियों का अपमान करने से जान जाती है। दुसरो का अपमान करने से दौलत जाती है। राजा का अपमान करने से सब कुछ जाता है। एक ब्राह्मण का अपमान करने से कुल का नाश हो जाता है।”
“एक दुर्जन और एक सर्प में यह अंतर है कि साप तभी डंख मरेगा जब उसकी जान को ख़तरा हो लेकिन दुर्जन पग-पग पर हानि पहुचने की कोशिश करेगा।”
Top 30 Chanakya Niti in Hindi
“रूप और यौवन से सम्पन्न तथा कुलीन परिवार में जन्मा लेने पर भी विद्या हीन पुरुष पलाश के फूल के समान है जो सुन्दर तो है लेकिन खुशबु रहित है।”
“कोयल की सुन्दरता उसके गायन में है। एक स्त्री की सुन्दरता उसके अपने पिरवार के प्रति समर्पण में है। एक बदसूरत आदमी की सुन्दरता उसके ज्ञान में है तथा एक तपस्वी की सुन्दरता उसकी क्षमाशीलता में है।”
“जिस तरह सारा वन केवल एक ही पुष्प अवं सुगंध भरे वृक्ष से महक जाता है उसी तरह एक ही गुणवान पुत्र पूरे कुल का नाम बढ़ाता है।”
“पांच साल तक पुत्र को लाड एवं प्यार से पालन करना चाहिए, दस साल तक उसे छड़ी की मार से डराए. लेकिन जब वह 16 साल का हो जाए तो उससे मित्र के समान वयवहार करे।”
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“सैकड़ों गुणरहित पुत्रों से अच्छा एक गुणी पुत्र है क्योंकि एक चन्द्रमा ही रात्रि के अन्धकार को भगाता है, असंख्य तारे यह काम नहीं करते”
“साप, राजा, बाघ, डंख करने वाला कीड़ा, छोटा बच्चा, दुसरो का कुत्ता एवं मुर्ख व्यक्ति को कभी भी नींद से न जगाएं।”
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“हमारे शारीर नश्वर है। धन में तो कोई स्थायी भाव नहीं है। म्रत्यु हरदम हमारे निकट है। इसीलिए हमें तुरंत पुण्य कर्म करने चाहिए”
“जिसके पास में विद्या है वह शक्तिशाली है। निर्बुद्ध पुरुष के पास क्या शक्ति हो सकती है एक छोटा खरगोश भी चतुराई से मदमस्त हाथी को तालाब में गिरा देता है।”
“जिसे दौलत, अनाज और विद्या अर्जित करने में और भोजन करने में शर्म नहीं आती वह सुखी रहता है”
“मुझे वह दौलत नहीं चाहिए जिसके लिए कठोर यातना सहनी पड़े, या सदाचार का त्याग करना पड़े या अपने शत्रु की चापलूसी करनी पड़े।”
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Closing Remarks:
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