Apne Sapne Ko Kaise Pura Kare: आज में आपसे डॉ. सुधीर दीक्षित की बुक अमीरो के पाँच नियम से सपनो को साकार करने के लिए आवश्यक पाँच बातें और बड़े सपने देखने के पाँच फार्मूला आपसे शेयर करूँगा।
दोस्तों सबसे पहले देखते है सपनों को साकार करने के लिए क्या आवश्यक पाँच बातें है:-
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अगर सपना देखना ही है, तो बडा सपना देखें:
अपने सपनो को पूरा कैसे करे: जीवन में महान बनने के लिए आपको सपना देखना होगा, उसके साकार होने पर भरोसा करना होगा, आलोचना को नज़रअंदाज़ करना होगा, मेहनत करनी होगी।
इस बात से कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि सपना देखते समय आपकी आर्थिक स्थिति कैसी है, आपकी शिक्षा कितनी है, आपकी उम्र कितनी है या आप किस पद पर काम करते हैं? फ़र्क तो इस बात से पडता है कि आप कितना बड़ा सपना देख रहे हैं।
डेक्स्टर येगर कभी ट्रक ड्राइवर थे, लेकिन उन्हींने सफलता का सपना देखा और बाद में करोडों डॉलर का नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस बना लिया। उन्होंनै एक पते की बात कही है, जिसे हर व्यक्ति को याद रखना चाहिए, ‘अगर आपका सपना बड़ा है, तो वास्तविकता से कोई फ़र्क नहीं पड़ता’।
अगर सपने के साथ प्रबल विश्वास, संकल्प और लगन हो, तो वह हक़ीक़त में बदल जाता है। आपको तो बस अपनी क्षमता पर भरोसा होना चाहिए। इंसान अक्सर अपने दिमाग़ और शरीर की क्षमता से अनजान रहता है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि इंसान अपनी क्षमता का सिर्फ़ 10-15 प्रतिशत उपयोग ही करता है। अगर सपना बड़ा है, तो क्षमता अपने आप उस सपने के स्तर तक बढ़ सकती है, बशर्ते पूरे विश्वास और लगन के साथ मेहनत की जाए। सपना अतिरिक्त मानसिक क्षमता का ताला खोल देता है और आपको उसे साकार करने की ऊर्जा, शक्ति और समाधान अपने आप मिल जाते हैं।
ज्यादातर लोगों के पास सपने ही नहीं होते हैं या होते भी हैं, तो बहुत छोटे होते हैं। इसके अलावा, उन्हें अपने सपने के साकार होने पर भरोसा ही नहीं होता है। अधिकांश लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत भी नहीं करना चाहते हैं।
यह बात अच्छी तरह से गांठ बाँध ले कि सपना सफलता के लिए अनिवार्य है। अगर सपना नहीं होगा, तो आप उसे साकार कैसे करेंगे, आप जोश से मेहनत कैसे करेंगे? सपने से ही ऊर्जा, उत्साह और शक्ति मिलती है। सपना सफलता का बीज है।
हाँ, बीज बोने के बाद आपको कुछ समय तक उसकी बहुत ज़्यादा देखभाल करनी होती है। उसे शंका कि खरपतवार से बचाना पड़ता है। उसे आलोचना के मवेशियों से बचाना पडता है। उसे हर दिन विश्वास के पानी से सींचना पडता है। उसमें मेहनत की खाद डालकर उसे पोषण देना पड़ता है। तब कहीं जाकर वह सपने का बीज बड़ा होता है और बड़े पेड के रूप में साकार हो जाता है।
अपने सपनों पर विश्वास रखें:
अपने सपनो को पूरा कैसे करे: अगर आपको अपने सपने पर विश्वास नहीं है, अगर आपको उसके पूरे होने के मामले मैं ज़रा भी संदेह है, तो आपका मन डाँवाडोल रहेगा। ऐसी स्थिति में आपका अवचेतन मन आपके सपने को पूरी तरह से ग्रहण नहीं करेगा।
तब आप पूरी शिदूदत और उत्साह से उसे साकार करने कीं मेहनत नहीं कर पाएँगे। सबसे बडी बात, अगर आपको अपने सपने पर विश्वास नहीं है, तो आप आलोचना के उन तीरों को नहीं झेल पाएँगे। किसी ने कहा भी है, किसी प्रतिभाषाली व्यक्ति को इसी बात से पहचाना जा सकता है कि सारी दुनिया उसके खिलाफ़ हो जाएगी। ज्यादातर सफल व्यक्तियों कें साथ यही होता है।
सपने पर भरोसा नहीं होता, तो टॉम मोनाहन दिवालियेपन की कगार पर पहुँचने के बाद शिखर तक की उड़ान नहीं भर पाए होते। सपने पर भरोसा नहीं होता, तो फ्रेड स्मिथ लाखों डॉलर के घाटे के बाबजूद फेडरल एक्सप्रेस को नहीं चलते। सपने पर भरोसा नहीं होता, तो टेड टर्नर हर महीने के घाटे के बाबजूद सीएनएन को चालू नहीं रख पाते।
सपने पर भरोसा होना ही चाहिए, क्योंकि उसके बिना आप दूसरों कै विरोध के सामने आसानी से हथियार डाल देते हैं और ख़ुद अपने विरोधी बन जाते हैं। औसत लोग हमेशा नवपरिवर्तन को नापसंद करते हैं और यथास्थिति से संतुष्ट रहते हैं, क्योंकि वे अनजान चीजो से डरते हैं।
यथास्थितिवादी हमेशा उन लोगों का विरोध करते हैं, जो नवपरिवर्तन या नया काम करना चाहते हैं। यहीं वज़ह है कि चेस्टर कार्लसन से लेकर टेड टर्नर तक सभी नवाचारियों को प्रबल विरोध का सामना करना पड़ा। बहरहाल, अपने सपने में विश्वास की बदौलत उन्होंने सफ़लता के झंडे गाड़ दिए।
कई बार लोग अपने सपने को साकार करने की कोशिश इसलिए नहीं करते, क्योंकि उन्हें असफलता का डर होता है। उन्हें लगता है कि अगर वे असफल हो गए, तो लोग क्या कहेंगे, उन्हें कितना दुख पहुँचेगा। लेकिन यह मूर्खतापूर्ण है।
असफलता के डर के कारण सफल होने की कोशिश न करना तो वैसा ही है, जैसे तलाक़ के डर से आजीवन शादी न करना। आपको सबसे ज़्यादा डर इस चीज़ का होना चाहिए कि अगर आपने कोशिश नहीं की, तो बाद में आपको कितना पछतावा होगा। इस बात से डरें कि अगर आपने कभी कोशिश नहीं की, तो आप सफल कैसे होंगे। सपना देखने और उसे साकार करने का साहस जुटाएँ।
अगर जेफ़ बेजोस असफल होने के डर के कारण कभी ओनलाइन बुक स्टोर खोलने का साहस नहीं करते, तो आज वे इतने सफल नहीं होते। अगर डर के कारण स्टीफन वोज्नियाक और स्टीव जॉब्स पर्सनल कंप्यूटर बनाने का साहस नहीं करते, तो वे अरबपति नहीं बन पाते। असफ़लता से न डरें, बल्कि अपने सपने पर भरोसा रखें और कर्म में जुट जाएँ।
सपने को साकार करने के लिए मेहनत करें:
सपने देखना ही काफ़ी नहीं होता, उन्हें साकार करने के लिए मेहनत भी करनी पडती है। सौभाग्य से मेहनत करने की क्षमता शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक स्थिति है। अगर काम में आपका मन लग रहा है, तो आप उस काम को करते समय नहीं थकेंगे।
इस बात का एक बड़ा ही सामान्य उदाहरण देखें: चालीस मिनट के क्लासरूम लेक्चर को सुनते समय ज्यादातर विद्यार्थी जम्हाई लेने लगते हैं, जबकि वे पूरी रूचि से तीन घंटे की फ़िल्म देख लेते हैं। क्यों? क्योंकि पढाई में उनका मन नहीं लगता है, जबकि फ़िल्म देखने में उनका मन लगता है।
सफ़ल व्यक्ति असफल व्यक्तियों से ज़्यादा मेहनत करते हैं। कई बार तो वे हर दिन चौदह घंटे से अठारह घंटें तक मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें थकान का एहसास ही नहीं होता है। मैकडॉनल्ड्स के संस्थापक दो-दो पूर्णकालिक नौकरियाँ करते थे और सुबह से लेकर रात के दो बजे तक काम करते थे।
कोडक के संस्थापक जॉर्ज ईस्टमैन भी नौकरी के बाद देर रात तक अपने प्रयोग करते थे। ये लोग दिन को दिन और रात को रात नहीं समझते थे। उनका ध्यान समय पर नहीं, सपने पर फोकस रहता था। वे लय में होते थे। काम के प्रति उनका समर्पण शत-प्रतिशत था, इसलिए वे पूरी रुचि, पूरी लगन से काम करते थे। उन्हें अपने सपने की बदौलत शक्ति मिलती थी और वे हर दिन अपने सपने तक पहुँचने के क़दम उठाकर खुश होते थे।
याद रखें, कामचोरी करके आज तक कोई भी सफलता कि मंज़िल तक नहीं पहुँचा है। कामचोर व्यक्ति बहाने बनाकर काम और मेहनत से तो बच सकता है, लेकिन अपने सपने को साकार नहीं कर सकता। काम करने की इच्छा ही सफलता का मूलमंत्र है।
अपनी निगाह वर्तमान मुश्किलों पर नहीं, सुनहरे भविष्य पर केंदित रखें:
सफल व्यक्ति वर्तमान वास्तविकता के बजाय सुनहरे भविष्य का सुखद सपना देखते हैं। वे यह नहीं देखते कि क्या है, बल्कि यह देखते हैं कि क्या हो सकता है। महान भवन निर्माता बड़े शहर की झुग्गियों को झुग्गियों की तरह नहीं, बल्कि बहुमंजिली इमारतों की नींव के रूप में देखते हैं।
हर महान काम इसीलिए संभव हुआ है, क्योंकि किसी ने उसका सपना देखा और उसे साकार किया। सफलता कि शुरुआत एक सपने से ही होती है और वह सपना जितना बडा होता है, सफलता भी उतनी ही बडी होती है।
जिन लोगों ने दुनिया को बदला है, उन्होंने दुनिया को बदलने का सपना देखा था। बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर को घर-घर पहुँचाने का सपना देखा था और आज उनका यह सपना साकार हो चुका है।
इसी की बदौलत वे आज संसार के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं। इसी तरह लक्ष्मी मित्तल ने इस्पात का साम्राज्य बनाने का सपना देखा था, जिसकी बदौलत वे आज सफ़लता कि बुलंदियों को छु चुके हैं।
अपने सपने नकारात्मक लोगों को न बताएँ:
Apne Sapno Ko Pura Kaise Kare: सपनो के बारे में एक महत्त्वपूर्ण बात यह है कि अपने सपने छोटी मानसिकता या नकारात्मक सोच वाले व्यक्तिओं के सामने नहीं बताना चाहिए। जाहिर है, ये लोग बड़े सपनों को कतई पसंद नहीं करते, क्योंकि वे तो यथास्थितिवादी होते हैं।
इन लोगों को ऊँची-ऊँची बातें करने और सामने वाले की बातें काटने में बडा मज़ा आता है। वे ख़ुद तो कुछ करते नहीं हैं और दूसरों की भी कुछ नहीं करने देते हैं। अगर आप दस तर्क देंगे कि आप क्यों सफल हो सकते हैं, तो वे अपनी प्रखर बुद्धि से आपके सामने बीस तर्क रख देंगे कि आप क्यों सफल नहीं हो सकने।
इसलिए छोटी मानसिकता या नकारात्मक सोच वाले लोगों से मेलजोल कम से कम रखें और अपना सपना तो हर्गिज न बताएँ, क्योंकि अगर उन्हे आपके सपने के बारे में पता चल गया, तो वे दिन-रात उसकी खिल्ली उड़ाने, उसकी आलोचना करने और आपके आत्मविश्वास को कम करने की कोशिश में जुटे रहेंगे।
अपने सपने को साकार करने की दिशा में जब आप यात्रा शूरू करें, तो एकदम न चलने लगें। चलने से पहले राह की बाधाओं से निबटने की तैयारी कर ले। सबसे बडी बाधा तो आलोचकों की बाधा है, जो आपके सपने का गला घोंटने के लिए तत्पर रहते हैं।
वे आपको बताते हैं कि आपका सपना कितना बेतुका है, इसका पूरा होना कितना असंभव है और आपमें उसे साकार करने की क्षमता नहीं है। आलोचकों के तर्क इतने सशक्त लगते हैं कि आप अपने रास्ते से हट सकते हैं। बहरहाल, किसी की आलोचना से अपना हौसला न डिगने दें।
यह याद रखें कि जब राइट बंधु पहला हवाई जहाज़ बना रहे ये, तब उनकी भी आलोचना हुई थी। डिज़नीलैंड बनाते समय वाल्ट डिज़नी की हंसी उडाई गई थी। यही कहानी पर्सनल कंप्यूटर बनाते समय स्टीफन वोज्नियाक और स्टीव जॉब्स के साथ दोहराई गई थी।
Apne Lakshya ko Kaise hasil kare
अगर आप सफलता कि राह पर चलना चाहते हैं, तो आपकी आलोचना तय है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप उस आलोचना को किस तरह लेते हैं और उससे कितने प्रभावित होते हैं। अगर आप सफल व्यक्तियों की श्रेणी में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको आलोचना को सहन करना और उसे नज़रअंदाज़ करना सीखना होगा। Apne Sapno Ko Pura Kaise Kare
सफल व्यक्ति आलोचना को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देते हैं और चुपचाप अपने काम में जुटे रहते हैं। असफ़ल व्यक्ति आलोचना को दिल पर ले लेते है और दिन’-रात उसी के बारे में सोचते रहते हैं। अंतत: उनके मन में शंका जाग जाती है और वे सोचने लगते हैं कि वे उस काम को नहीं कर सकते। आलोचना हमारा कोई नुक़सान नहीं कर सकती, जब तक कि हम उसे नुक़सान करने की अनुमति न दें।
Apne Sapno Ko Pura Kaise Kare: जब तक हम अपने शत्रु ख़ुद न बन जाएँ, तब तक बाहरी शत्रु हमारे सपने को नुक़सान नहीं पहुँचा सकते। बहरहाल, आलोचना को झेलने के लिए साहस की ज़रूरत होती है और आपमें साहस तभी आएगा, जब आपको अपने सपने पर पूरा भरोसा हो।
दोस्तों अब में बड़े सपने देखने के पाँच सूत्र को डिटेल में समझते है:
बड़े सपने देखना: (Apne Sapno Ko Pura Kaise Kare)
बड़ी सफलता पाने वाले लोग बड़े सपने देखते हैं। बड़े सपने की वज़ह से ही उन्हें बड़ी सफ़लता मिलती है। उनका सपना उन्हें तमाम बाधाओं के बावजूद प्रेरणा देता रहता है। सपने की शक्ति के कारण ही वे अपने सामने आने वाली मुश्किलों से जूझ पाते हैं।
धीरूभाई अंबानी ने ग़रीब परिवार में पैदा होने के बावजूद बड़े सपने देखे। अदन में पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरते समय उन्होंने सपना देखा कि वे भारत में भी बर्मा शेल जैसी बड़ी ओइल कंपनी स्थापित करेंगे। अगर उनका सपना छोटा होता, तो वे पेट्रोल पंप के मालिक बनने का सपना देख सकते थे।
लेकिन उनका सपना बड़ा था, इसलिए उनकी सफलता भी बड़ी थी। उन्होंने रिलायंस इंडरट्रीज़ जैसी दिग्गज कंपनी की स्थापना कि और यह उनके बड़े सपने की बदौलत ही संभव हुआ था।
सपने को साकार करने के लिए मेहनत करना: (Apne Sapno Ko Pura Kaise Kare)
सपने तो ज्यादातर लोग देखते हैं, लेकिन उन्हें साकार करने के लिए मेहनत बहुत कम लोग करते हैं, इसी कारण बहुत कम लोग बड़े काम कर पाते हैं। एस्टी लॉडर ने अपनी सौंदर्य प्रसाधन कंपनी को विश्वविख्यात बनाने का सपना देखा था।
उनका यह सपना साकार भी हुआ, लेकिन यह न भूलें कि इसके लिए उन्हे बहुत मेहनत भी करनी पड़ी। वे हर दिन सुबह से रात तक अपने सपने को साकार करने के लिए मेहनत करती रहीं। मैरी के ऐश ने भी अपने सपने को साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत की।
Apne Sapne Ko Kaise Pura Kare : यही नहीं, उन्होंने इस के लिए अपनी पूरी बचत को भी दांव पर लगा दिया, क्योंकि उन्हें अपने सपने पर भरोसा था। सफल लोगों के सर्वेक्षण से यह स्पष्ट होता है कि वे सामान्य लोगों से ज़्यादा मेहनत करते हैं और समर्पण भाव से करते हैं। वे आराम के बजाय काम को महत्त्व देते हैं, क्योंकि उन्हें काम करने में मज़ा आता है।
सफलता का सपना अपने आप पूरा नहीं होता है, उसके लिए मेहनत करनी पडती है, जोखिम लेना पड़ता है और लंबे समय तक उसका पालन-पोषण करना पड़ता है, तब कहीं जाकर सपने का वटवृक्ष उन्हें छाया देता हैं।
सपने को सुरक्षित रखना: (Apne Sapno Ko Pura Kaise Kare)
जो लोग बडे सपने देखते हैं, वे अपने सपने को हर आघात से बचाते हैं। वे आलोचना के तीरों से नहीं घबराते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि आलोचना करने वालों की मानसिकता उतनी बड़ी नहीं है, उनकी भविष्य-दृष्टि उतनी व्यापक नहीं है।
वे छोटे सपने देखने वालो से दूर रहते हैं और अपने सपने को स्पष्ट व सुरक्षित रखते हैं। आम लोगों की मानसिकता सुरक्षात्मक और नकारात्मक होती है। आम लोग दूरगामी लाभ के बजाय तात्कालिक लाभ को ज़्यादा महत्त्व देते हैं। वे ख़ुद तो अपने सपनों को मन के अंदर दफ़न कर लेते हैं और दूसरों के सपनों की भी हत्या करने की कोशिश करते हैं।
यही वज़ह है कि वाल्ट डिज़नी से लेकर टेड टर्नर तक हर सफल व्यक्ति को आलोचना का शिकार होना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने सपने को सुरक्षित रखा। यही वज़ह है कि आज उनका नाम इतिहास में अमर ही चुका है, जबकि उनके आलोचकों का नहीं हुआ।
स्पष्ट भविष्य-दृष्टि:(Apne Sapno Ko Pura Kaise Kare)
सफल लोगों का सपना स्पष्ट होता है। वे जानते हैं कि वे कहाँ जा रहे हैं और वे क्या करने वाले हैं। उनके मन में अपने सपने की इतनी स्पष्ट तस्वीर होती है कि अंतत: उनका सपना साकार हो ही जाता है।
चेस्टर कार्लसन के मन में फोटोकॉपियर का सपना इतना स्पष्ट था कि अंतत यह साकार हो ही गया हालाँकि इसे साकार होने में कई साल लग गए।
माइकल डेल का सपना आई.वी.एम. से भी अधिक बडी कंपनी बनाना था। फ्रेड डील्यूका का सपना मेकडॉनल्ड्स से भी आगे निकलना था। इतने स्पष्ट सपने ने ही उन्हें सफल होने के लिए निरंतर प्रेरित किया।
मुश्किलों से न घबराना:
बडे सपने देखने वाले जानते हैं कि सपना जितना बड़ा होगा, राह में मुश्किलें भी उतनी ही ज़्यादा आएँगी। चूँकि उनका सपना स्पष्ट होता है, इसलिए स्वप्नदर्शी लोग अपने लक्ष्य से भटकते नहीं है। वे मुश्किलों से घबराकर किसी दूसरी दिशा में नहीं चलने लगते हैं।
वे तो अपने सपने की दिशा में ही चलते रहते हैं, चाहे राद में कितनी ही बाधाएँ आएँ। अमेरिका में लगाताऱ चलते आरोपों और मुकदमों कै बाबजूद एमवे दो सस्थापकों ने हौसला नहीं खोया। हर साल लाखों डॉलर का घाटा होने के बावजूद टेड टर्नर या फ्रेड स्मिथ ने हिम्मत नहीं हारी, क्योंकि वे जानते थे कि उनका सपना अवश्य साकार होगा।
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