48 laws of power by Robert Greene in Hindi

आज मैं आपसे  Robert Green, की बुक 48 laws of power by Robert Greene in Hindi से 15 laws शेयर करूँगा।

48 laws of power बहुत ही  powerful book  हैं जिसे पढ़कर आप आप ऐसे ट्रिक्स जान पाएंगे जिससे आप अपने प्रतिद्वंद्वी को हरा कर शक्तिशाली बन सकते है।

तो बिना किसी देरी की करते है काम की बात

48 laws of power by Robert Greene in Hindi

48 laws of Power Book Summary in Hindi

48 laws of power by Robert Greene in Hindi

विषय सूची

Laws Number 11: लोगों को अपने ऊपर निर्भर रखना सीखें

जितना लोग आप पर निर्भर होते  हैं आप उतने  ही महत्वपूर्ण हो जाते हैं।

शक्तिशाली बनने के लिए आपको लोगों को अपने ऊपर निर्भर रखना सीखना होगा।

दुनिया में हर व्यक्ति जरूरत के हिसाब से काम करता है और उसी को संपर्क करता है जिसकी उसे जरूरत होती है।

आईये इस एक एक्साम्प्ल से समझते है – जर्मनी के एक नेता Bismark ने एक एक कमजोर राजा खोजा जो Prussia का राजा था।

Bismark ने राजा को पूरी तरह अपने ऊपर निर्भर कर लिया, उसने राज्य में अपनी स्थिति को इतना मजबूत बना लिया कि राज्य में उसकी तरह कोई और निर्णय नहीं ले सकता था।

दोस्तों लोग जिस व्यक्ति पर निर्भर होते हैं उसी को अहमियत देते हैं।

शक्तिशाली बनने के लिए जरूरी है कि आप लोगों को अपने ऊपर निर्भर करना सीखें।

Laws Number 7: दूसरों से काम लेना सीखें

48 Laws of Power के अनुसार शक्तिशाली बनने के लिए दूसरों से काम लेना सीखें। उन लोगों को हायर करें जो वो काम कर सके जो आप चाहते है।

दूसरों के ज्ञान का खुद उपयोग करें। इससे आपका बहुमूल्य समय बचेगा और आपको दक्षता और गति की एक समान आभा प्रदान होगी। यानि आप दूसरे का क्रेडिट प्राप्त कर पाएंगे।

आईये इस एक एक्साम्प्ल से समझते है – Thomas Edison  ने Nikola Tesla की कंपनी  को जनरेटर में सुधार का काम दिया।

Nikola Tesla ने पूरे एक साल तक कठिन  परिश्रम करके जनरेटर में ना कि सुधार किया बल्कि बड़े बदलाव किये, निकोला की सारी मेहनत का क्रेडिट Edison को मिला।

निकोला ने  रेडिओ का आविष्कार भी किया लेकिन उसका क्रेडिट भी Marconi को मिला, और वैज्ञानिक पद पर रहते हुए निकोला ने बहुत सारे आविष्कार किये  पर उसका क्रेडिट उसे कभी नहीं मिला।

Laws Number 8: दूसरों को अपनी तरफ करने का प्लान बनायें

दोस्तों शक्ति का मतलब है लोगों को अपने नियंत्रण में रखना और उनसे अपनी चाल पर प्रतिक्रिया करवाना।

जब आप लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं तो सारा नियंत्रण आपके हाथ में होता है और जिसके हाथ में नियंत्रण होता है उसी के पास शक्ति होती है; वही शक्तिशाली होता है।

जब आप दूसरे व्यक्ति को कार्य करने के लिए मजबूर करते हैं, तो नियंत्रण आपके हाथ में होता है। अपने लाभ के लिए चारा डालें और दूसरों को अपनी और मिलाएं और उन्हें नियंत्रण में रखें।

आईये इस एक एक्साम्प्ल से समझते है –  Bismark जो कि जर्मनी के एक ताकतवर नेता थे; उन्होंने कहा था कि जब वह हिरण को पकड़ने के लिए चारा डालते हैं तो कभी पहले हिरनी को  गोली नहीं मारते बल्कि पूरे झुंड के आने का इंतजार करते हैं।

अपने दुश्मन को अपनी चाल  पर प्रतिक्रिया करने को मजबूर करें। उन्हें  शानदार लाभ होने का लालच दे और अपनी ओर आकर्षित करें और फिर उस पर आक्रमण करें

Laws Number 5: अपनी प्रतिष्ठा बना कर रखें

प्रतिष्ठा शक्ति की आधारशिला है, इसे हमेशा संभाल कर रखें। अकेले प्रतिष्ठा के आधार पर आप लोगों का सम्मान पा सकते है और उन्हें डरा भी सकते हैं।

एक बार यदि सम्मान  चला जाता है तो आप कमजोर हो जाते हैं। अपने प्रतिष्ठा की हमेशा रक्षा करें। लोग आपको आपकी प्रतिष्ठा के कारण जानते हैं।

प्रतिष्ठा बनाने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए हमेशा इसे बनाकर रखें।

आईये इस एक एक्साम्प्ल से समझते है – दूसरे विश्व युद्ध में Erwin को उनकी बेहतरीन गन स्किल के लिए जाना जाता था जिससे शत्रु उनका सामना करने से डरते थे और विना लड़े ही demoralize हो जाते थे।

48 laws of power by Robert Greene के अनुसार आपसे पहले आपकी प्रतिष्ठा आती है लोग आपको आपकी reputation से जानते हैं।

किसी क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा बनाने के लिए आपको कठिन  मेहनत करनी पड़ेगी, जब पहली बार आप किसी क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा बनाते हैं तो इसे बहुत ही ध्यान से बनाएं,

क्यों कि आपके प्रतिद्वंदी और जलने वाले लोग आपकी प्रतिष्ठा बिगाड़ने के लिए कुछ भी करेंगे।

और पढ़ें: The 50th Law Book Summary in Hindi by Robert Greene

Laws number 14: दोस्त की तरह दिखें और जासूस की तरह काम करें

48 laws of power by Robert Greene in Hindi के अनुसार अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में जानना महत्वपूर्ण है। Charles Maurice जो कि फ्रांस के महान राजनीतिज्ञ थे, वे अपने विचार कभी भी किसी को नहीं बताते थे।

वो सभी को अपने विचार प्रकट करने का मौका हमेशा देते थे जिससे कि वो लोगों की योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें, वो अपने विचार और योजनाओं को छुपाने में माहिर थे।

Charles Maurice  दूसरों से जानकारी प्राप्त करने के लिए लोगों से इस तरह से बातें करते थे जिससे लोगों को लगता था कि वो उन्हें कोई राज बता रहे हैं,

इस तरकीब से लोग उन्हें अपनी जानकारी बताने के लिए उत्सुक हो जाते थे।

Laws number 3: अपने इरादों को किसी को न बतायें

अपने कार्यो  के पीछे के उद्देश्य को उजागर न करके लोगों को अंधेरे में रखें। अपने लक्ष्य दूसरों को न बताएं।

हम अक्सर अपने गोल्स दूसरों को बता देते हैं और लोग हमारे रास्ते में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करते हैं।

अगर कोई जानना भी चाहे तो उसे गलत सलत बताएं।

अपने इरादों की उसे भनक न पड़ने दें। आप लोगों को केवल वही बात बताएं जो लोग आपसे सुनना चाहते हैं ना कि जो आप उन्हें बताना चाहते हैं।

अपनी जुबान को आप अभ्यास से नियंत्रण में ला सकते हैं इसके लिए आप अपने शब्दों का चयन ध्यान से कीजिए।

जब लोगों को आपके भविष्य के उद्दश्यों का पता नहीं होगा तो वे आपके विरुद्ध कोई चालाकी या शणयन्त्र नहीं बना सकते

और जब तक उन्हें आपके इरादों का एहसास होगा, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी और आप आगे निकल चुके होंगे।

Laws Number 15: अपने दुश्मन को पूरी तरह से कुचल दो

48 laws of power in Hindi के अनुसारअपने दुश्मन को कभी भी कमज़ोर मत समझो। अपने दुश्मन को पूरी तरह से खत्म कर दें,

आचार्य चाणक्य के अनुसार अपने दुश्मन को कभी कमजोर समझकर नजरंदाज मत करें, दुश्मन के अवशेष बीमारी और आग की तरह होते हैं जो समय के साथ साथ और भी खतरनाक बन जाता है।

यहाँ पर आपका असली दुश्मन आपकी परिस्थितियां है, आपकी परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो आप हमेशा उन पर हावी रहें।

आप कहीं काम करते हों तो अपने कार्यक्षेत्र में हमेशा हमेशा अपनी परिस्थितियों से आगे रहें, जिससे कि आप अपने साथ काम करने वाले लोगों को मात दे सकें।

Laws Number 19: गलत व्यक्ति को नाराज न करें

48 laws of power by Robert Greene in Hindi के अनुसार हमेशा ध्यान रखें कि आप किससे डील कर रहे हैं, सभी व्यक्तियों का व्यवहार और प्रतिक्रियाएं अलग- अलग होती हैं।

अगर आप किसी को मना करते हैं या धोखा देते हैं तो उस पर सभी व्यक्तियों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होंगी व्यक्ति की बहारी बनावट या चेहरे से उसकी प्रवत्ति को समझने की कोशिश ना करें।

कई लोग भेड़ के वेश में भेडिये होते हैं, इसलिए किसी भी व्यक्ति को आप मना करना चाहते हैं तो विनम्रता पूर्वक करें, उनका अपमान करने से वो नाराज हो सकते हैं

और आपको कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

Laws Number 21: अपने प्रतियोगी को हमेशा होशियार समझने का मौका दें

48 laws of power by Robert Greene in Hindi के अनुसार आप अपने प्रतियोगी के सामने अपने को मुर्ख महसूस कराएं। आप उसे महसूस कराएं की वो आपसे ज्यादा होशियार हैं।

जब एक बार आपके प्रतियोगी को यह विश्वास हो जाता है को वो आपसे ज्यादा स्मार्ट हैं तो आप उन्हें आसानी से हरा सकते हो।

उसे हमेशा ये दिखाएँ कि आप कुछ नहीं जानते, उनके सामने वेबकूफ बनकर रहने से लोग आपको अपने बारे में खुद बताएँगे और उन्हें आपकी शक्ति और उद्देश्य के बारे में पता नहीं चलेगा।

जब आप लोगों को महशूस करायेगें कि वो आपसे अधिक शक्तिशाली हैं तो इससे आप आसानी से उनके सुरक्षा कवच को तोड़ सकेंगे और आपको जरूरी जानकारी हांसिल हो सकेगी ।

Laws Number 22: आत्मसमर्पण रणनीति का उपयोग करें: अपनी कमजोरी को शक्ति में बदलें

48 laws of power by Robert Greene in Hindi के अनुसार जब आप जीत ना सको तो आत्मसमर्पण कर दें,

क्यों कि इससे पहले कि आप हार जाएँ आप अपने आत्मसमर्पण से दुश्मन के नजदीक पहुँच पायेंगे और जानकारी प्राप्त कर सकेंगे,

आत्मसमर्पण से आपको अपनी ताकत को फिर से जुटाने का एक और मौका मिलेगा और आप दोबारा तैयार हो सकेंगे।

दोस्तों 48 Laws of Power के अनुसार हमें कभी भी कमज़ोरी की अवस्था में लड़ना नहीं चाहिए बल्कि आत्मसमर्पण करके अपने आप को तैयार करना चाहिए  फिर चाहे वह जंग का मैदान हो या रोज़मर्रा की जिंदगी।

आत्मसमर्पण करके हम अपनी कमज़ोरी को ताकत में बदल सकते हैं।

Laws Number 23 : अपनी शक्तियों को एकाग्र करें

48 law of power in hindi के अनुसार आपकी शक्तियों के प्रभावी स्तेमाल के लिए जरूरी है कि आप अपनी शक्तियों को केन्द्रित करें, अगर आप केन्द्रित नहीं हैं तो आप अपनी शक्तियों का उचित प्रयोग नहीं कर सकते।

आईये इस एक एक्साम्प्ल से समझते है – Romans ने जब आसपास के राज्यों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की तो Barbarian जनजाति पर हमला करने के चक्कर में वो अपना राज्य भी हार गए।

अपनी शक्ति को केन्द्रित करने के लिए जरूरी है कि आप अपने विचारों को केन्द्रित करें, जब आपकी सारी शक्ति व् ध्यान एक ही दिशा में लगाते हैं तो वहां पर आपकी जीत निश्चित है और तभी आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

Laws Number 25: अपने आप को दुवारा तैयार करो

48 law of power in hindi के अनुसार यदि आप अभी तक कामियाब नहीं हो पाए या समाज आपको इम्पोर्टेंस नहीं देता तो आप अपने आप को दुवारा तैयार करें।

अपनी क्षमताओं को पहचानों और दुवारा से उन्हें निखारों।  

आईये इस एक एक्साम्प्ल से समझते है –  Dupin जो कि एक फ्रांस की महिला थी, जब वह पेरिस गयी तो उसने समाज की सच्चाई का सामना किया, उसने देखा कि महिलाएं घर से बाहर का काम नहीं करतीं थीं,

वो केवल घर का काम करती और पुरुष घर से बहार का काम करते थे।

जब पेरिस में उसने अपना लेख एक एडिटर को दिया तो उस एडिटर ने महिला से कहा कि तुम घर का काम करो लेखन और साहित्य तुम्हारे लिए नहीं है।

इसके बाद Dupin ने लेखक बनने का फैसला किया और अपने पति और बच्चों को छोड़कर चली गयी।

उसने कड़ी मेहनत की और अपने आप को दोबारा तैयार किया और एक साल बाद अपना उपन्यास George Sand प्रकाशित किया, उसके बाद उस उपन्यास को उस एडिटर ने स्वीकार भी किया।

48 laws of Power Book Summary in Hindi

48 laws of Power Book Summary in Hindi

Laws Number 31: दूसरों को अपने पत्ते खोलने पर मज़बूर करें

48 law of power in hindi के अनुसार लोगो को विकल्प देकर आप उनसे वो काम करा सकते हैं जो आप चाहते हैं यानि उन्हें ऑप्शन दें या तो ये करना पड़ेगा या ये, और दोनों ही बाते आपके हक़ में होंगी।

जब आप दूसरों को विकल्प देते हैं तो इससे आपके प्रतिद्वंदी को लगता है कि वे अपने नियंत्रण में हैं लेकिन वे कठपुतली की तरह आपके नियंत्रण में होते हैं।

उन्हें इस तरह के विकल्प दें जिससे आप उन्हें पूरी तरह नियंत्रण में कर उनका फायदा ले सकें।

आईये इस एक एक्साम्प्ल से समझते है – Ivan रूस का एक अत्याचारी राजा था जिसको अपने राज में एक मुश्किल समय का सामना करना पड़ा।

अत्याचारी होने की वजह से उसे  पूरी ताकत और अधिकार नहीं मिल रहा था।

राजा Ivan ने  अपनी ताकत का इस्तेमाल करने की बजाय एक कदम पीछे हटने का सोचा। उसने राजा का सिंहासन त्याग दिया।

ऐसा करने पर रूस के लोग उसे राजा के पद पर वापस आने को कहने लगे। राजा ने  सबकी दरख्वास्त सुनी लेकिन किसी की बात नहीं मानी।

कुछ दिन बाद उसने प्रजा को दो विकल्प दिए –  उसने कहा कि या तो लोग उसे राजा के पद पर स्वीकार कर ले और पूरी ताकत इस्तेमाल करने का अधिकार दें या फिर वह अपने लिए कोई नया राजा ढूंढ ले।

रूस के लोगों ने उसे दोबारा अपना राजा स्वीकार कर लिया। लोगों ने उसके अत्याचार को नज़रअंदाज़ करते हुए उसे दोबारा राजा बना दिया

Laws Number 32: लोगों की कल्पनाओं से खेलें

लोगों की कल्पनाओं का इस्तेमाल अपने उद्देश्य पूर्ति के लिए करें। लोगों की कल्पनाएं उनकी आंखों पर पर्दा डाले रखती हैं और वे जीवन में कठोर सच्चाई को नहीं देख पाते।

रॉबर्ट ग्रीन कहते हैं कि सकारात्मक बदलाव धीरे-धीरे होता है, जीवन में सफल होने के लिए आपको कड़ी मेहनत, सब्र, अच्छी किस्मत और बलिदान की जरूरत होती है,

लेकिन लोग इन बातों को नजरअंदाज कर आसानी से कामयाब होना चाहते हैं।

इस तरह के लोग सफलता के लिए कोई न कोई आसान रास्ता खोजते रहते हैं इसलिए इस तरह के लोगों को आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है।

यदि आप लोगों को उनकी कल्पना में डुबो कर रखेंगे तो आप उनका फ़ायदा उठा पाएंगे।

Laws Number 33 : लोगों की कमज़ोरियों को ढूंढो

लोगों की कमजोरी को ढूंढें, जिन पर उनका अधिकार नहीं और उसे लोगों के खिलाफ इस्तेमाल करें।

कुछ लोग आसानी से अपनी कमजोरी अपने आप बताते हैं, यदि आपको लोगों की कमजोरी के बारे में पता चल जाए तो आप जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

आईये इस एक एक्साम्प्ल से समझते है – 16 वीं शताब्दी के फ्रांस की रानी कैथरीन जो राजा हेनरी की पत्नी थी। वह पुरुषों की कमजोरी को उसके खिलाफ इस्तेमाल करती थी।

वह लोगों की संवेदनशीलता और भावुकता का प्रयोग अपने फायदे के लिए करती थी।

दूसरों की कमजोरी जानने के लिए आप लोगों से बात करें, उनके बारे में जाने, उन्हें क्या पसंद है क्या नहीं और क्या करता है।

उसकी कमजोरी को आप भविष्य में जरुरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

दोस्तों जब आप किसी की कमज़ोरियों ढूढ़ लेते है तो आप उनका इस्तिमाल अपने फायदे की लिए कर सकते हैं।

और पढ़ें:

तो दोस्तों इस आर्टिकल (48 laws of power by Robert Greene in Hindi) में बस इतना ही आपको ये आर्टिकल (48 laws of power in Hindi) कैसी लगी हमें कमेन्ट कर के जरूर बताये।

अगर आप इस बुक का कम्पलीट वीडियो समरी देखना चाहते है तो ऊपर दिए लिंक से देख सकते है।

हमारे लेटेस्ट वीडियो को देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूले।

Leave a Comment