What is Share in Hindi – शेयर क्या होता है ?

What is Share in Hindi- शेयर क्या होता है शेयर कितने तरह के होते है इक्विटी शेयर और प्रिफरेंस शेयर में क्या अंतर होता है। : दोस्तों इन दिनों अक्सर आप लोगो ने न्यूज़पेपर, एवं टीवी पर शेयर (Share) के बारे में पढ़ा और सुना होगा। आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं इसी टॉपिक के बारे में और जानेगे कि (What is Share in Hindi) शेयर क्या होता है।

शेयर कितने प्रकार का होता हैं (Types of Share in Hindi) और इक्विटी शेयर और प्रिफरेंस शेयर में क्या अंतर है। यदि आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं या शेयर बाजार में पैसा इन्वेस्ट करके कमाना (Earn) चाहते हैं। तो इसके बारे में बेसिक जानकारी (Basic Information of Share) होना बेहद जरूरी है। इसलिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

शेयर क्या होता है (What is share in Hindi)

शेयर (share) का मतलब होता है किसी कंपनी के कुल पूंजी का एक छोटा सा हिस्सा जिसे शेयर धारक खरीदते हैं। यदि हम इसे आसान शब्दों में कहें तो किसी कंपनी की पूंजी को कई हिस्सों में समान रूप से बांटने पर पूंजी का जो सबसे छोटा हिस्सा बनता है उसी हिस्से को हम शेयर करते हैं।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि एसके लिमिटेड (S.K Limited) कंपनी की कुल पूंजी 20000 रुपए है, और इस कंपनी ने अपनी पूंजी को 50 भागों में बांट दिया। तो इस प्रकार से कंपनी के प्रत्येक भाग की वैल्यू 400 रुपए हुए। पूंजी के इस छोटे भाग को शेयर कहा जाता है।

मुख्यतः शेयर (Share) तीन प्रकार के होते हैं (Types of Share in Hindi)

What is Share in Hindi - Types of Share in Hindi

Types of Share in Hindi

  • इक्विटी शेयर (Equity share )
  • प्राथमिकता शेयर (Preference Share)
  • डी.वी.आर शेयर (Differential Voting Rights share)

इक्विटी शेयर क्या है (What is Equity Share in Hindi)

निवेशक सेकेंडरी एवं प्राइमरी मार्केट से जो शेयर प्राप्त करता है, उसे इक्विटी शेयर (Equity Share) कहते हैं। इस प्रकार के शेयर में शेयर होल्डर (Shareholder) कंपनी का आंशिक हिस्सेदार बन जाता है, और वह कंपनी के नफा नुकसान से जुड़ जाता है।

इक्विटी शेयर धारकों को कंपनी के जनरल मीटिंग यानी नीति बनाने वाली बैठक में वोट देने का अधिकार होता है। यदि ऐसे में जब कंपनी अपना व्यवसाय पूर्ण रूप से खत्म कर देती है, तब कंपनी अपने सारे कर्ज चुकाने के बाद जो हिस्सा बचता है, इक्विटी शेयर धारकों के बीच बराबर अनुपात में वितरित कर देता है।

प्रेफरेंस शेयर क्या है (What is Preference Share in Hindi)

Equity share और Preference Share में कोई खास अंतर नहीं होता हैं, क्योंकि यें दोनों एक प्रकार के शेयर ही है। लेकिन जहां इक्विटी शेयर में शेयर होल्डर को मीटिंग में वोट करने का अधिकार होता है, वही प्रेफरेंस शेयर (Preference Share) में शेयर होल्डर को मीटिंग में वोट करने का अधिकार नहीं होता हैं और इसके अलावा प्रेफरेंस शेयर में (Preference Share) शेयर होल्डर को मिलने वाला लाभ पहले ही तय हो होता है, चाहे कंपनी मुनाफा कमाए या न कमाए।

डी.वी.आर शेयर क्या है (What is Differential Voting Rights Share in Hindi)

डी.वी.आर शेयर का मतलब होता है, डिफरेंशियल वोटिंग राइट्स (Differential Voting Rights Share) जिसमें शेयर होल्डरों को वोटिंग के अलग-अलग अधिकार मिलते हैं और आम शेयरों के मुकाबले डीवीआर शेयर (DVR Share) में वोटिंग का अधिकार कम होता है। यानी कि डीवीआर शेयर में एक वोट करने के लिए आपके पास 10 डीवीआर शेयर होने चाहिए। टाटा के DVR Share में ऐसा ही होता है। यदि आपके पास टाटा के 10 डीवीआर शेयर है, तो आप एक वोट दे सकते हैं।

इक्विटी शेयर और प्रिफरेंस शेयर में अंतर (What is difference between Equity Share and Preference Share in Hindi)

  • जहां प्रिफरेंस शेयर होल्डर्स को मिलने वाला लाभ पहले ही निश्चित होता है वही इक्विटी शेयरधारकों को मिलने वाला लाभ कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
  • यदि कोई कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो सबसे पहले प्रिफरेंस शेयर होल्डर्स पूंजी प्राप्त करने का अधिकार रखता है। वही इक्विटी शेयर होल्डर्स को कंपनी के सभी ऋण का भुगतान कर लेने के बाद देखा जाता है।
  • प्रेफरेंस शेयर में शेयर होल्डर्स की पूंजी ज्यादा सुरक्षित रहती है। वही इक्विटी शेयर में शेयर होल्डर्स की पूंजी बाजार में  उतार चढ़ाव एवं कंपनी के प्रदर्शन के अधीन होती है।
  • इक्विटी शेयर होल्डर्स को कंपनी के प्रबंधन में जहां भागीदारी लेने की अनुमति है। लेकिन प्रेफरेंस शेयर होल्डर्स को कंपनी के प्रबंधन निर्णय में भाग लेने की अनुमति नहीं है।

कंपनी अपना शेयर क्यों बेचती है (Why does the company sell its shares in hindi)

कंपनियों को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है, अगर कोई कंपनी अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए बैंक से लोन लेती है, तो उसे इस लोन पर बैंक को भारी ब्याज चुकाना पड़ेगा। इसलिए कंपनियां बैंक के ब्याज से बचने के लिए जनता से पैसा लेती है और उसके बदले कंपनी अपना शेयर उन्हें दे देती है।

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर कंपनियां अपना शेयर बैंक को क्यों नहीं बेच देती। तो इसके विषय में हम आपको बता दें कि हमारे भारत देश में बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां है। ऐसे में बैंक सभी कंपनियों के शेयर को नहीं खरीद सकती और दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंक अपने पैसों पर ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहती। क्योंकि बैंक में उपलब्ध सारा पैसे आम जनता का होता है।

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अंतिम शब्द

तो दोस्तों हमने इस आर्टिकल (What is Share in Hindi – शेयर क्या होता है ?) के माध्यम से आपको बताया कि शेयर क्या होता है यह कितने प्रकार के होते हैं और इक्विटी शेयर और प्रिफरेंस शेयर( Equity share and preference share) में अंतर क्या है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह (What is Share in Hindi – शेयर क्या होता है ?) आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा।

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