The Psychology of Money Book Summary in Hindi – धन संपत्ति का मनोविज्ञान

The Psychology of Money Book Summary in Hindi: दोस्तों पैसा कमाना और उसे बचाना एक कला है। अक्सर हमने देखा है पैसों को लेकर लोगों के अंदर गलत अवधारणा रहती है। जब उनके पास ज्यादा पैसा रहता हैं, तो पैसे के प्रति उनके खराब बिहेवियर के कारण वह उसे गवा देते हैं।

जैसे कि अमीर होने का show off करना। फालतू में गैर जिम्मेदाराना तरीके से पैसा खर्च करना और इसका नतीजा यह निकलता है कि 1 दिन ऐसे लोग बैंक करप्ट, यानी कंगाल हो जाते हैं। इसका मुख्य रीजन यह है कि ऐसे लोग पैसे की वैल्यू को नहीं समझते और वह अपने पैसे को खो देते हैं।

वैसे तो अमीर बनने के अनेक रास्ते हैं। लेकिन अपनी अमीरी को बरकरार रखने के लिए एक ही उपाय है। कि हमें पैसे की वैल्यू को समझना चाहिए।

The Psychology of Money Book Summary in Hindi

The Psychology of Money Book Description / पुस्तक का विवरण

पुस्तक का नाम / Name of Bookधन संपत्ति का मनोविज्ञान / The Psychology of Money Hindi 
पुस्तक का लेखक /Author Nameमॉर्गन हाउसल / Morgan Housel
पुस्तक की भाषा / Book Languageहिंदी / Hindi
पुस्तक की श्रेणी / Category of Bookमनोवैज्ञानिक / Psychological, Self Help Book, Motivational

The Psychology of Money Book Summary in Hindi

The Psychology of Money Summary in Hindi

The Psychology of Money Book Summary in Hindi

तो चलिए दोस्तों आज के इस The Psychology of Money Book Summary in Hindi को समझते हैं। जिसे मॉर्गन हाउसल (Morgan Housel) ने लिखा है। मॉर्गन हाउसल एक बेहतरीन लेखक के साथ स्टॉक मार्केट इन्वेस्टर भी है। यह बुक हमे केवल Psychology of Money को नहीं बताती बल्कि ये हमें और भी कई लेशन सिखाती है। जैसे कि पैसा कैसे जोड़ना सीखे, अमीर बनने के लिए माइंड सेट क्या होना चाहिए?

पैसे बर्बाद मत करो – Don’t Waste Money

चलिए इसे हम एक कहानी के माध्यम से समझते हैं। आर्थर मॉर्गन हाउसल अपने बुक में लिखते हैं। जब मैं एक होटल में काम किया करता था। तो उन दिनों हमारे होटल में एक technology executive आया करता था। जिसने अपने यंग एज में ही बहुत सारा पैसा और कंपनियाँ बना ली था। लेकिन वह पैसों की कदर नहीं करता पैसे के प्रति उसका व्यवहार बहुत ही स्टुपिड था।

वह हर समय अपने पास नोटों की बंडल लेकर घूमता और शराब के नशे में हमेशा धूत रहता और अपने अमीर होने का दिखावा करता। आर्थर मॉर्गन हाउसल आगे कहते हैं कि 1 दिन उस इंसान ने कुछ ऐसा किया जिसके बारे में जानकर आप चौक जायेंगे। दरअसल वह इंसान अपने दोस्तों को एक नोटों की गड्डी देकर कहता है कि इसे सोने के सिक्के में कन्वर्ट करके लाओ।

उसके बाद वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर उस सोने के सिक्के को समुद्र में फेंकते हैं और गेम खेलते हैं। कौन Gold Coins कितना दूर फेंक पाता है। पैसों के साथ उसका यह व्यवहार उसे जल्द ही बैंक करप्ट बना देता है।

आर्थर मॉर्गन हाउसल अपने बुक में एक दूसरी कहानी भी बताते हैं कि- अमेरिका गाँव का एक साधारण व्यक्ति जिसका नाम Ronald James था। जिसने 25 वर्षों तक गैस स्टेशन पर कारों की मरम्मत की 17 वर्षों तक फर्श पर झाड़ू लगाया। लेकिन जब उस व्यक्ति की मौत 92 इयर्स बाद हुई। तो उसके चर्चे देश-विदेश न्यूज़ चैनल और अखबारों में होने लगी।

क्योंकि मरते समय उस साधारण सफाईकर्मी के पास 58 करोड़ की संपत्ति थी। जिसमें 43 करोड़ रुपये उसने चैरिटी में दान कर दिया था। बाकी के 15 करोड़ रुपये अपने सौतेले बच्चों के लिए छोड़ गया था। आखिर उसके पास इतना पैसा आया कहाँ से इसके बारे में पता किया गया तो, पता चला कि वह ब्लूचिप फंड में पैसे लगाया करता था। और Compounding के Power से उसका छोटा सा इन्वेस्टमेंट इतना बड़ा नेटवर्थ बन गया।

अब आर्थर मॉर्गन हाउसल उस Technology Executive और एक साधारण से सफाईकर्मी के पैसे के प्रति बिहेवियर को कंपेयर करते हैं। और कहते हैं कि पैसों को Earned करना या उसे सेव करने के लिए किसी टेक्निकल नॉलेज की जरूरत नहीं है। बल्कि यह इसके ऊपर डिपेंड करता है कि आप पैसे को कैसे खर्च करते हैं। पैसे के प्रति आपका रवैया क्या है।

पैसा कमाना एक स्किल है जिसे कोई भी इंसान सीखकर फाइनेंसियल सक्सेज पा सकता हैं। जहाँ एक Technology Executive वेल एजुकेटेड होने के बावजूद बैंक करप्ट हो गया। वही एक सफाई कर्मचारी जो बिना पढ़े लिखे होने के बावजूद पैसे के प्रति बिहेवियर को अच्छा रखता है। ब्लू चिप स्टाक में इनवेस्ट करता है और एक दिन करोड़पति बन जाता है।

कोई भी मूर्ख नहीं है – No One is Crazy

आर्थर अपने नेक्स्ट लेशन में कहते हैं – बहुत से लोग अपने पैसों के साथ मूर्खतापूर्ण व्यवहार करते हैं। हालांकि वे लोग मूर्ख नहीं है। असल में आज की पीढ़ियाँ फिल्म देखने, लॉटरी का टिकट खरीदने और गेम खेलने के पीछे अपने पैसों का ज्यादातर हिस्सा खर्च कर देते हैं। यह काम ज्यादातर वही लोग करते हैं, जो गरीब होते हैं। जो इमरजेंसी में 20 या 25 हजार रुपये भी अरेंज नहीं कर सकते।

क्या ऐसे लोगों का लॉटरी टिकट खरीदने का कोई सेंस बनता है। ऐसे लोगों को उन पैसों को इमरजेंसी नीड के लिए बचा कर रखना चाहिए। जो कि वह लोग नहीं करते। उन लोगों का कहना है कि पैसा सेविंग करना हम लोग के लिए पॉसिबल नहीं है। क्योंकि हम जितना कमाते हैं, उससे कहीं ज्यादा रुपये खर्च हो जाते हैं। हमारे पास सेविंग की पॉसिबिलिटी ही नहीं है।

ऐसे में बड़ी गाड़ियों और बड़े घरों के बारे में सोचना, बड़े स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन कराना। ये सब हमारे पहुँच से बाहर है। इन्हीं सपनों को पूरा करने के लिए, हम लॉटरी टिकट को खरीदते हैं। आपको यह बात मूर्खतापूर्ण लगेगी। क्योंकि जिस चीज को कोई पाना चाहता हैं। वही चीज आपको बहुत ही आसानी से मिल जाती है। लेकिन आप उसकी कद्र नहीं करते। जो किसी दूसरे व्यक्ति के लिए सपना है।

आर्थर मॉर्गन हाउसल इस कहानी के जरिए लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि, चाहे वह व्यक्ति गरीब हो, या मिडिल क्लास से बिलॉन्ग करता हो, या बहुत अमीर हो। वह अपने फाइनेंसियल रिलेटेड फैसले, एक्सेल शीट का एनालिसिस करके नहीं लेता। बल्कि वह अपने फैसले परिस्थितियों और भावनाओं से प्रभावित होकर लेता है।

ऐसा हो सकता है जो फैसले मैं लू। वह आपको मूर्खतापूर्ण लगे। या यह भी हो सकता है जो फैसले आप ले वह मुझे मूर्खतापूर्ण लगे। लेकिन हमारी फाइनेंसियल सक्सेस या, ग्रोथ इस बात पर डिपेंड करती है। कि हम परिस्थितियों और भावनाओं के ऊपर नियंत्रण रखते हुए। अपने पैसे को किस तरह से मैनेज या सदुपयोग करते हैं।

भाग्य और जोखिम – Luck & Risk

भाग्य और जोखिम के बारे में आर्थर मॉर्गन हाउसल का कहना है कि भाग्य और जोखिम भाई-भाई हैं। ये दोनों वास्तविकता के प्रमाण है। जीवन में हर नतीजा व्यक्तिगत प्रयासों और भाग्य पर भी निर्भर करता है। जिससे जोखिम भी जुड़ा होता है।

इसे हमें कहानी के माध्यम से समझते हैं जिसका वर्णन मॉर्गन हाउसल ने अपनी बुक में किया है। वह लिखते हैं कि 1968 में जब बिल गेट्स एक स्कूल में पढ़ने जाते थे। उस समय पूरे वर्ल्ड में 30 करोड़ उनके जैसे स्टूडेंट हाई स्कूल में पढ़ा करते थे। वह जिस Lakeside School स्कूल में पढ़ा करते थे। फाइनेंसियल मजबूत थी। उनके पास बच्चों को सिखाने के लिए कंप्यूटर भी था। बिल गेट्स उस दौर के लकी स्टूडेंट थे जिन्हें कंप्यूटर सीखने का मौका मिला। ऑन रिकॉर्ड बिल गेट ने एक इवेंट में यह बात कही थी। अगर Lakeside School नहीं होता तो शायद मेरी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी नहीं होती।

इस प्रकार से बिल गेट्स के सक्सेस होने के पीछे बहुत सारे फैक्टर थे। लेकिन उसी में से लक एक था। बिल गेट्स अपने स्कूली दोस्त Kent Evans के बारे में कहते हैं। अगर कैंट ने मेरे साथ ही स्कूल छोड़ दिया होता। तो आज वह मेरे कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर होते। लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और माउंटेन क्लाइंबिंग के दौरान उनकी मौत हो गई। उन्होंने उस जोखिम का सामना किया जो लाखों में से कोई एक व्यक्ति करता है। क्योंकि माउंटेन क्लाइंबिंग करने लाखों लोग जाते हैं। लेकिन उनमें से मरता कोई एक ही है।

इस प्रकार से लेखक मॉर्गन हाउसल भाग्य और जोखिम को समझाते हैं। जिसका मतलब यह हुआ कि बिल गेट्स के सफलता के पीछे उनके भाग्य का हाथ है। हालाकि सफलता मिलने के पीछे भाग्य के अलावा और भी कई फैक्टर होते है। जैसे कि efforts, हार्ड वर्किंग, डिसीजन, सही मार्गदर्शन पर काम करना इत्यादि।

कभी भी पर्याप्त नहीं है – Never Enough

Psychology of Money के बारे में समझाने के लिए लेखक कोलकाता में जन्मे रजत गुप्ता का उदाहरण देते हैं और बताते हैं कि रजत अनाथ होने के बावजूद 40 साल की उम्र में prestigious consulting firm McKinsey के CEO बने थे उनके पास 2008 के दौरान कुल $100 मिलियन थे। जिसे वह चाहते तो बैंक में रखकर इंटरेस्ट इनकम के जरिए बिना कुछ किये बैठे ही 2 घंटे में 100000 रुपये कमा सकते थे।

लेकिन वह इतने पैसों से संतुष्ट नहीं थे। वह करोड़पति से अरबपति बनना चाहते थे। उस वक्त वह goldman sachs इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी के डायरेक्टर थे। उनके पास इतना पैसा रहने के बावजूद वह लालच में आ गए। और ऐसा काम कर दिया जिससे वर्षों का बना बनाया रेपुटेशन मिट्टी में मिल गयी। वह बोर्ड मीटिंग में मिले सीक्रेट जानकारियों को फाइनेंसियल प्रॉफिट के लिए बेच दिया करते थे। इंसाइडर ट्रेडिंग के गुनाह में उन्हें दोषी करार देकर जेल में डाल दिया गया।

रजत गुप्ता के एग्जांपल से लेखक समझाना चाहते है। ऐसे बहुत लोग हैं जो अपनी फाइनेंसियल गोल को ACHIEVE कर लेने के बाद भी। दूसरा फाइनेंसियल गोल अचीव करना चाहते हैं। ऐसे लोग रुकते ही नहीं है, एक फाइनेंशियल गोल पूरा होने के बाद दूसरे गोल को पूरा करने के लालच में लग जाते है। लेकिन ऐसा ना करके पैसे से ज्यादा अपने परिवार एवं सुख-शांति को महत्त्व दें।

क्योंकि ज्यादा पैसो का लालच आपके दिमाग की शांति को भंग कर सकता है। इन सभी के अलावा दूसरे व्यक्ति के फाइनेंसियल ग्रोथ से अपनी ग्रोथ की तुलना कभी ना करें। जैसे कि मेरे दोस्त के पास रेंज रोवर है, ऑडी है तो मेरे पास भी होना चाहिए। ऐसी सोच को अपने दिमाग से निकाल देना ही ठीक है।

Money Compounding

The Psychology of Money Compounding के विषय में लेखक का कहना है कि Warren Buffett जब बच्चे थे तभी से स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते थे। आज के समय उनकी net worth 86.5 billion-dollar है। इसमें से उन्होंने 81.5 billion-dollar डॉलर रिटायरमेंट यानी 60 वर्ष की उम्र में इकट्ठा की है।

इसमें कोई संदेह नहीं है आज के समय में Warren Buffett अद्भुत इन्वेस्टर है। लेकिन उनके जीवन से यह सीखने को मिलता है कि पैसा बनाने के लिए consistently invest करते रहना चाहिए। यहाँ एक नॉर्मल इंसान 20 वर्ष की आयु में पढ़ाई करता है वही Warren Buffett उस समय 9.3 million-dollar के मालिक थे।

इस उदाहरण को देखकर यह कहा जा सकता है कि Warren Buffett के कामयाबी का सबसे बड़ा रीजन छोटी उम्र से ही इन्वेस्टमेंट करना है। जिसे उन्होंने रिटायरमेंट की उम्र तक कंटिन्यू चालू रखा।

अमीर बनना V/s अमीर बने रहना – Getting Rich V/s Staying Rich

आर्थर मॉर्गन हाउसल अमीर बनना या कंटिन्यू अमीर बने रहना के विषय में उनका कहना है, की अमीर बनना बहुत आसान है। लेकिन हमेशा अमीर बने रहना इतना आसान नहीं है। क्योंकि ज्यादातर लोग बिजनेस स्टार्ट के बाद कुछ दिनों में फेल हो जाते हैं। ऐसे बहुत सारे सेलिब्रिटी है, जिन्होंने financial ग्रोथ किया। लेकिन समय बीतने के बाद ही broke हो गये। वह अपनी अमीरयत बरकरार नहीं रख सके।

The Psychology of Money Book Summary in Hindi

The Psychology of Money Book Summary in Hindi

इसलिए अपने कैरियर, बिजनेस फील्ड, स्टॉक मार्केट इन्वेस्टिंग के क्षेत्र में सक्सेस पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि हम लंबे समय तक सरवाइव कर सके। इसे आप समझने के लिए Warren Buffett का उदाहरण लिया जा सकता है।

हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं Warren Buffett के साथ ऐसे बहुत सारे इन्वेस्टर्स थे। जिन्होंने स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट किया। लेकिन Warren Buffett की तरह कामयाबी हासिल नहीं कर सके। इसका मुख्य कारण यह रहा की वह लंबे समय तक स्टॉक मार्केट में सरवाइव नहीं कर सके। जिसकी वजह से वह लोग फेल हो गए।

ये भी पढ़ें :

Closing Remarks

The Psychology of Money in Hindi से हमें सीखने को मिलता है, अमीर बनने के अनेक रास्ते हैं, लेकिन कंटिन्यू अमीर बने रहने के का एक ही तरीका है, पैसों की इज्जत करना, उन्हें सही जगह पर इस्तेमाल करना। आपके पास जो भी है उसी में खुश रहना सीखें, हंबल और बने रहना।

दोस्तों ये थी आर्थर मॉर्गन हाउसल द्वारा लिखी गई बुक (The Psychology of Money Book Summary in Hindi) धन संपत्ति का मनोविज्ञान का बुक समरी। आपको Psychology of Money Book Summary कैसे लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएँ। अगर आप इस बुक का कम्पलीट वीडियो समरी देखना चाहते है तो ऊपर दिए लिंक से देख सकते है। लेटेस्ट वीडियो को देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूले।

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया

Buy Psychology of Money English Book

Wish You All The Best

7 thoughts on “The Psychology of Money Book Summary in Hindi – धन संपत्ति का मनोविज्ञान”

  1. Pingback: Anonymous
  2. गागर में सागर
    आपने संक्षिप्त में किताब को समझाने के लिए धन्यवाद।

    Reply

Leave a Comment